1. एक बहुत बड़े आदमी ने मुझसे एक बार कहा था कि इस समय सुखी
वही है जो कुछ नहीं करता। जो कुछ भी करेगा उसमें लोग दोष खोजने लगेंगे।
उसके सारे गुण भुला दिए जाएंगे और दोषों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाने
लगेगा। दोष किसमें नहीं होते? यही कारण है कि हर आदमी दोषी अधिक
दिख रहा है, गुणी कम या बिलकुल ही नहीं। स्थिति अगर ऐसी है तो निश्चय
ही चिंता का विषय है।
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर
प्रश्न- पाठ और उसके लेखक का नाम लिखिए।
ख) इस समय सुखी कौन है और क्यों?
(iii) कुछ करने वाले दोषी क्यों दिखाई पड़ते हैं?
(iv) आज चिंता का विषय क्या बन गया है?
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HI
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क.पाठ का नाम है क्या निराश हुआ जाए और लेखक का नाम है हजारी प्रसाद द्विवेदी ।
ख. इस समय सुखी वही है जो कुछ काम नहीं करता ।
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