1. एक फूल की चाह कविता के आधार पर बताइए की कोरोना महामारी जैसी भयंकर परिस्थितियों से कैसे निपटा जा सकता है और हमारे लिए भविष्य में इसके क्या संकेत हैं ? (200 शब्दों में लिखिए)
Answers
कोरोना गीत
पहले सी अब दिखती नहीं वे रौनकें बाजार की
पहले सी अब दिखती नहीं हैं
रौनकें बाजार की.
हर ओर सन्नाटा यहां
हर रोज बढ़ते फासले
हर रोज मौतें बढ़ रहीं
हर ओर दुख के काफिले
कैसी महामारी चली
धुन थम गयी संसार की.
वे वक्त के मजदूर हैं
पर वक्त से मजबूर हैं
ताले लगे, रस्ते रुके
जाएं कहां वे दूर हैं
सुनता कहां मालिक भला
चीखें यहां लाचार की.
है पीठ पर गठरी लदी
औ कांध पर बच्चे लदे
जाना है मीलों दूर तक
पर प्राण फंदों में फँदे
है जान सांसत में पड़ी
खुद ही यहां सरकार की.
कैसा भयंकर वायरस !
जीवन हुआ इससे विरस
हर शख़्स संक्रामक हुआ
वर्जित हुआ उसका परस
बस मास्क में महफूज है
सांसें सकल संसार की.
संदिग्ध है हर छींक तक
संगीन है वातावरण
अस्पृश्यता ने हर लिया
है सभ्यता का आवरण
चूलें एकाएक हिल उठीं
अस्तित्व के दीवार की .
है चीन से फैला जहर
ईरान पर बरपा कहर
इटली बना शमशान है
बज उठा यू.एस में बजर
संभावनाएं क्षीण हैं
इस व्याधि के उपचार की.
ठप हुए उत्पादन सभी
चुक रहे संसाधन सभी
शेयर सभी लुढ़के पड़े
बेअसर आवाहन सभी
मंदी ने तोड़ी है कमर
दुनिया के कारोबार की.
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