1) एक स्त्री - इकलौता बेटा - बहुत लाड़-प्यार से आदतें बिगड़ना – बुरी संगति - किताबों
की चोरी – माँ का बढ़ावा – चोरी करने की आदत – लड़के का बड़ा होना – चोर
बनना - जेल जाना - जेल जाते समय माँ से मिलने के लिए पुलिस से इजाजत
माँगना – माँ को अपने जेल जाने का कारण बताना – बोध। story writing
Answers
प्रश्न में दिये गये संकेतों के आधार पर कहानी
रणकपुर नाम के एक गांव में एक विधवा और धनवान स्त्री रहती थी। उसके पति का देहांत हो गया था, लेकिन उसके पास काफी संपत्ति थी ।उस स्त्री का एक इकलौता बेटा था। पति के देहांत के बाद उसका बेटा ही उसके जीवन का सहारा था, इस कारण उसने अपना सारा लाड़-प्यारा अपने पुत्र पर उड़ेल लिया था। वह इकलौते बेटे का बहुत ही लाड प्यार से लालन-पालन करने लगी।
धीरे-धीरे अत्याधिक लाड प्यार के कारण उसका बेटा बिगड़ने लगा। उसका मन पढ़ाई में नहीं लगता और वह बुरी संगत में पड़ गया। गलत संगत में पड़ने के कारण उसकी आदतें बिगड़ती गयीं। वह अपने विद्यालय में साथी छात्रों की किताबें चुरा लिया करता था।
वो स्त्री अर्थात उसकी माँ अपने बेटे के प्रति लाड-प्यार में अंधी हो चुकी थी और उसे अपने बेटे की बुरी आदतें नजर नहीं आती थी। इससे उसके बेटे को बढ़ावा मिलता था। धीरे-धीरे उसकी गन्दी आदतें बढ़ती चली गईं।
यूं ही समय गुजरता गया। बह लड़का अब बड़ा हो चुका था।पढ़ाई में पिछड़ने के कारण बहुत बहुत अधिक पढ़ नहीं पाया। उसका उसका उसको कोई नौकरी नहीं मिली। अपनी मां की धन-संपत्ति तो अपनी गलत आदतों में उड़ा चुका था। अब अपने उसने अपनी आवश्यकताएं पूरी करने के लिए चोरी करना शुरू कर दिया।
एक दिन वह चोरी करते समय पकड़ा गया और अदालत ने उसे 2 साल की सजा सुनाई। जेल जाते समय जब उसकी मां उसे मिलने आई तो उसने पुलिस से माँ से अकेले में कुछ बात करने की इजाजत मांगी।
जब वह अपनी माँ से अकेले में बात करने लगा तो उसने माँ से कहा, माँ तुम जानती हो, मैं जेल क्यों गया? माँ बोली, बेटा तूने चोरी की इसलिए गया। बेटा बोला, नहीं माँ मैं तुम्हारे कारण जेल गया। माँ बोली, मेरे कारण क्यों भला बेटा? बेटा बोला तुमने बचपन से मेरी गलत आदतों के लिए मुझे कभी नहीं रोका। इससे मुझे बढ़ावा मिलता गया और मैं गलत मार्ग पर चलता चला गया। यदि तुम समय रहते ही मुझे रोकती तो शायद आज मैं यहां नहीं होता, बल्कि एक अच्छा इंसान होता। लेकिन तुम मेरे प्रति लाड प्यार में मेरा अहित कर बैठीं। ये सुनकर माँ को अपनी भूल पर बड़ा पछतावा हुआ कि उसकी गलती के कारण उसके बेटे का जीवन बर्बाद हो गया।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि अत्याधिक लाड प्यार भी जहर के समान होता है, जो अहित कर बैठता है। अपने किसी प्रियजन की भलाई के लिये आवश्यकता पड़ने पर सख्ती दिखाने में कोई हर्ज नही।
दिये गये संकेतों के आधार पर कुछ अन्य कहानियाँ...
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निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर कहानी लिखिए तथा उसे उचित शीर्षक देकर उससे प्राप्त होने वाली सीख भी लिखिए।
एक लड़की - विद्यालय में देरी से पहुँचना - शिक्षक द्वारा डाँटना - लड़की का मौन रहना- दूसरे दिन समाचार पढ़ना -लड़की को गौरवान्वित करना ।
https://brainly.in/question/8512328
(२) निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर कहानी लिखिए। उसे उचित शीर्षक दिजिए। गाँव में लड़कियाँ -सभी पड़ने में होशियार- गाँव में पानी का अभाव- लड़कियों का घर के कामों में सहायता करना- बहुत दूर से पानी लाना-पढ़ाई के लिए कम समय मिलना- लड़कियों का समस्या पर चर्चा करना - समस्या सुलझाने का उपाय खोजना -गाँववालों की सहायता से प्रयोग करना-सफलता पाना-शीर्षक ।
लाड प्यार में बिगड़ा बेटा
रामपुर ग्राम की कहानी है जिसमें एक रोहन नाम का लड़का रहता था। रोहन के पिता की बाज़ार में दुकान थी। उसकी मां घरेलू काम करती थी। उसकी मां उसे बहुत प्यार करती थी।
इकलौता बेटा होने के कारण उसे बहुत प्यार मिलता है। मां के लाड प्यार के कारण उसकी आदतें बिगड़ती जा रही थी। वह अपने स्कूल में किताबों कि चोरी करने लगा था।
इसके पापा को जब पता चला तो उन्होंने रोहन की पिटाई की लेकिन उसकी मां आकर हमेशा उसे बचा लिया करती थी।
मां के प्यार में बिगड़ने के कारण वह अब बड़े घटनाओं को अंजाम देने लगा। बुरे संगत में आकर वह बड़ी चोरी करने लगा था।
एक दिन उसके घर पुलिस आई और रोहन के मां से कहां की हम आपके बेटे को चोरी के इल्जाम में गिरफ्तार करने आएं है।
रोहन की मां को विश्वास नहीं हो रहा था। जब उन्होंने रोहन से पूछा तब रोहन ने बताया कि उसने सच में चोरी कि है। यह जानकर रोहन की मां को बहुत ठेस पहुंचा।
सीख: बच्चों को जरूरत से ज्यादा लाड प्यार नहीं करना चाहिए