1) एक व्यापारी- गुणवान पुत्र - बुरी संगत में फैसना - व्यापारी चिंतित.
बाजार से आम लाना- पुत्र को आम न खाने का आदेश - टोकरी में एक सडा
हुआ आम रखना- दूसरे दिन सब आम सड़े हुए-पुत्र पर प्रभाव - सीख ।
Answers
Explanation:
Hindi Short Story “Buri Sangat”, “बुरी संगत” Hindi Laghu Katha for Class 9, Class 10 and Class 12.
बुरी संगत
Buri Sangat
एक धनी सेठ था। उसका एक ही बेटा था। उसका नाम त्रिशूल था। त्रिशूले एक अच्छा लड़का था। वह कठिन परिश्रम करता था। वह अपनी कक्षा में हमेशा प्रथम आता था। एक बार वह बुरी संगति में पड़ गया और लापरवाह हो गया। उसने स्कूल से भागना शुरु कर दिया।
उसका पिता बहुत दुःखी हुआ। उसे एक उपाय सूझा वह बाजार से सेब खरीद लाया। उसने साथ ही एक खराब सेब भी खरीद लिया। उसने त्रिशूल से कहा कि ये सब सेब एक टोकरी में रख दे।
पिता ने अगले दिन त्रिशूल को बुलाया और उससे टोकरी लाने को कहा। टोकरी में रखे सभी सेब खराब हो चुके थे, त्रिशूल को यह देखकर बड़ी हैरानी हुई तभी उसके पिता ने कहा – एक खराब सेबने सभी अच्छे सेबों को भी सड़ादिया, इसी तरह बुरी संगति में व्यक्ति भी बर्बाद हो जाता है। त्रिशूल ने सबक सीखा। उसने अपनी बुरी संगत छोड़ दी और फिर से एक अच्छा लड़का बन गया।
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