1. फेल होने के बाद बड़े भाई साहब में क्या अंतर आ गया?
2.डेयरी का पन्ना पाठ के माध्यम से लेखक ने युवा पीढ़ी को क्या संदेश दिया है?
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1. छोटे भाई ने अपनी पढ़ाई का टाइम-टेबिल बनाते समय क्या-क्या सोचा और फिर उसका पालन क्यों नहीं कर पाया?
उत्तर:- छोटे भाई ने टाइम टेबिल बनाते यह सोचा कि वह मन लगाकर पढ़ाई करेगा और अपने बड़े भाई साहब को शिकायत का कोई मौका न देगा परन्तु उसके स्वच्छंद स्वभाव के कारण वह अपने ही टाईम टेबिल का पालन नहीं कर पाया क्योंकि पढ़ाई के समय उसे खेल के हरे-भरे मैदान, फुटबॉल, बॉलीबॉल और मित्रों की टोलियाँ अपनी ओर खींच लेते थे ।
2. एक दिन जब गुल्ली-डंडा खेलने के बाद छोटा भाई बड़े भाई साहब के सामने पहुँचा तो उनकी क्या प्रतिक्रिया हुई?
उत्तर:- एक दिन गुल्ली डंडा खेलने के बाद छोटे भाई का सामना बड़े भाई से हो जाता है। उसे देखते ही बड़े भाई साहब उसे समझाने लगते हैं कि एक बार कक्षा में अव्वल आने का तात्पर्य यह नहीं कि वह अपने पर घमंड करने लगे क्योंकि घमंड तो रावण जैसे शक्तिशाली को भी ले डूबा इसलिए उसे इसी तरह समय बर्बाद करना है तो उसे घर चले जाना चाहिए। उसे पिता की मेहनत की कमाई को यूँ खेल कूद में बर्बाद करना शोभा नहीं देता नहीं है।
3. बड़े भाई साहब को अपने मन की इच्छाएँ क्यों दबानी उत्तर:- बड़े भाई होने के नाते वे अपने छोटे भाई के सामने एक आदर्श प्रस्तुत करना चाहते थे। उन्हें अपने नैतिक कर्तव्य का ज्ञान था वे अपने किसी भी कार्यों द्वारा अपने छोटे भाई के सामने गलत उदाहरण रखना नहीं चाहते थे जिससे कि उनके छोटे भाई पर बुरा असर पड़े। इसलिए बड़े भाई साहब को अपने मन की इच्छा दबानी पड़ती थी।
4. बड़े भाई साहब छोटे भाई को क्या सलाह देते थे और क्यों?
उत्तर:- बड़े भाई साहब छोटे भाई साहब को हमेशा पढ़ाई के लिए परिश्रम की सलाह देते थे। उनके अनुसार एक बार कक्षा में अव्वल आने का तात्पर्य यह नहीं कि हर बार वह ही अव्वल आए। घमंड और जल्दबाजी न करते हुए उसे अपनी नींव मजबूती की ओर ध्यान देना चाहिए। अत: पढ़ाई के लिए सतत अध्ययन, खेल कूद से ध्यान हटाना तथा मन की इच्छाओं को दबाना आदि सलाह वे समय-समय पर देते रहते थे।पड़ती थीं?