1 फाँसी का समय सूरज निकलने के पहले क्यो किया जाता है ? किसी और समय में क्यो नही दी जाती है?2 वो कौन सी चीज है जो आपके पास हो तो विवाह नही हो सकता है और न हो तो अन्तिम संस्कार नही हो सकता है?
Answers
1-क्योकि फजर के नमाज़ और सूरज निकलने के बीच इंसान का दिमाग सबसे ज्यादा शांत होता है और फांसी के समय उसके शरीर में ज्यादा तड़पन और अकड़न नहीं होता और दूसरे शब्दों में जेल मैन्युअल के तहत फांसी सूर्योदय से पहले के समय दी जाती है क्योकि जेल के अन्य कार्य सूर्योदय के बाद शुरू हो जाते है। अन्य कार्य प्रभावित न हो इसलिए सुबह फांसी दी जाती है।
2- कफ़न अगर पास हो तो निकाह नहीं होता और अगर दूर हो तो जनाज़ा नहीं होता
Answer:
Explanation:
01. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि फंसी के पहले भी कैदी का मेडिकल चेकअप होता है और सुबह सुबह स्वास्थ ठीक होने की सम्भावना अधिक होती हैं। साथ ही फंसी के बाद भी कई औपचारिकताएं होती है जैसे कन्फर्म करना की कैदी की मौत हो गयी है, पोस्टमॉर्टम और लाश को घर वालों के हवाले करना। इन सारे प्रोसेस में भी टाइम लगता है और घर वालों को भी बॉडी अँधेरे होने से पहले देना होता है ताकि उसका अंतिम संस्कार कर सकें।
02. मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate) सरकार के नियम अनुसार समशान घाठ या अन्य जगह जहाँ लाश को जलाया या दफनाया जाता है आप को मृत्यु प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना पड़ता है। और मृत्यु प्रमाण पत्र आप को तभी मिलेगा जब आप मर चुके हो। तो अब मरे हुए आदमी या औरत का विवाह तो नही हो सकता। मतलब साफ है अगर आप के पास मृत्यु प्रमाण पत्र है तो आप की शादी नहीं हो सकती और अगर नही है तो आपकी अंतिम संस्कार नही हो सकता।
03. सायद आप लोग CID नहीं देखते। अब लाश तो बोलेगी नही वो किस जाती की है। पर फिर भी उसके पहनावे से पता लगाया ही जा सकता है। इससे भी पता ना चले तो फॉरेंसिक डिपार्टमेंट और CID की मदद से उसके फॅमिली वालों का पता लगाना पड़ेगा तब जा के जात पता चलेगी। :p