History, asked by sushilnegi619, 8 months ago

1. गुरु तथा अपने से बड़ों के चरण स्पर्श से hume kya milta hai ​

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Answered by jevigip215
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Answer:

गुरु तथा अपने से बड़ों के चरण स्पर्श से हमें आशीर्वाद मिलता है

Answered by dgmellekettil
0

Answer:

जो अपने से बड़े होते हैं पूजनीय होते हैं, हमे उनका चरण स्पर्श करके उनका आशीर्वाद मिलता है। अपने गुरु को इज्जत देना हमारी संस्कृति है।

Explanation:

  • बड़े लोग तथा गुरु कोअभिवादन करने के लिए प्रयुक्त की जाने वाली उक्ति श्रद्धा और आदर के साथ पैर छूना, चरण-स्पर्श कहलाता है अर्थात् चरण स्पर्श करना नमन करने का एक तरीका है, जो आजकल गुड मॉर्निंग, सुप्रभात, और सुप्रभातम् कह कर किया जाता है।
  • वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो हम जब अपने से बड़ों और गुरुजनों का पैर छूते हैं तो पैर छूने के समय नीचे की ओर हमें झुकना पड़ता है, यह एक प्रकार का व्यायाम भी है।
  • झुककर पैर छूने से सिर में रक्त का प्रवाह बढ़ता है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक है।
  • चरण-स्पर्श से हमारे मन में एक अलग सा भाव आता है और अहंकार का नाश हो जाता है, हममें नम्रता आती है, मन में शांति मिलती है और साथ ही अपने से बड़ों को हम प्रभावित करने में सफल हो जाते हैं।
  • गुरुजनों को महसूस होता है कि हमारे दिए गए संस्कार अभी भी जीवित हैं और जब हम पैर छूते हैं तो, बडों का हाथ जब हमारे सर पर पड़ता है या हमारे सर का स्पर्श करता है, जिससे हमारे शरीर को उन गुरुजनों की पॉजिटिव एनर्जी मिलती है।
  • ऐसी मान्यता है कि उन पूजनीय व्यक्ति की शक्ति हमारी शरीर में आशीर्वाद के रूप में प्रवेश करती हैं।
  • वैज्ञानिक पहलू को देखे तो शरीर में उत्तरी ध्रुव यानी सिर से सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश कर दक्षिणी ध्रुव यानी जो पैरों की ओर प्रवाहित होती है और दक्षिण ध्रुव पर यह उर्जा असीमित मात्रा में स्थिर हो जाती है, जब कोई किसी की चरण को हाथों से स्पर्श करता है तो उसकी उर्जा का कुछ अंश उसे प्राप्त हो जाती है इसी उर्जा को धार्मिक दृष्टिकोण से हम आशीर्वाद कहते हैं, और नमन करने का यह एक तरीका है, उसे हम चरण स्पर्श कहते हैं।
  • इसलिए अपने से बड़ों और गुरुजनों का चरण-स्पर्श कर आशीर्वाद जरूर लेना चाहिए, और अपने संस्कारों को जीवित रखना चाहिए।

अधिक जानकारी के लिए:

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