1 गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिए-(क) बस की यात्रा – हरिशंकर परसाई(ख) कामचोर – इस्मत चुगताई(ग) जहाँ पहिया है – पी. साईनाथ(घ) अकबरी लोटा – अन्नपूर्णानंद वर्मा
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प्रश्न में गद्यांश नही दिया गया है | गद्यांश इस प्रकार है :
लाला झाऊलाल को खाने-पीने की कमी नहीं थी। काशी के ठठेरी बाज़ार में मकान था। नीचे की दुकानों से एक सौ रुपये मासिक के करीब किराया उतर आता था। अच्छा खाते थे, अच्छा पहनते थे, पर ढाई सौ रुपये तो एक साथ आँख सेंकने के लिए भी न मिलते थे। इसलिए जब उनकी पत्नी ने एक दिन एकाएक ढाई सौ रुपये की माँग पेश की, तब उनका जी एक बार ज़ोर से सनसनाया और फिर बैठ गया। उनकी यह दशा देखकर पत्नी ने कहा-“डरिए मत, आप देने में असमर्थ हों तो मैं अपने भाई से माँग लूँ?”
1 गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिए-
d) अकबरी लोटा – अन्नपूर्णानंद वर्मा
पाठ का नाम अकबरी लोटा है , पाठ के लेखक अन्नपूर्णानंद वर्मा है |
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(घ) अकबरी लोटा – अन्नपूर्णानंद
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