1. गद्यांश पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखें - 5
जीवन में सफल वही होता है, जो उपयुक्त चुनाव करना जानता है | चुनाव करने में तनिक भी भूल-चूक हुई, तो हानि सुनिश्चित होती है | किसी भी क्षेत्र में चुनाव करने से पूर्व अनेकों चिंतन योग्य विषय होते हैं, जिनको नज़रअंदाज़ करने से संपूर्ण चुनाव प्रक्रिया नष्ट व अर्थहीन हो जाती है जिससे परिश्रम का कोई फल प्राप्त नहीं होता | हालाँकि कुछ चुनाव हमारे वश में नहीं होते जैसे- माता-पिता का, जन्म-मृत्यु का, किंतु कुछ चुनाव हमारे वश में होते हैं, जिन पर हमारी सफलता-असफलता निर्भर करती है जैसे- अच्छी-बुरी संगति का चुनाव, आलस्य और परिश्रम का चुनाव आदि | संगति का चुनाव इन सब चुनावों में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस चुनाव पर हमारा आचरण, कर्म, विचार, भाषा, स्तर, मनुष्यता और हमारी सफलता-असफलता निर्भर करती है |
मनुष्य का चित्त बुराइयों और बुरे लोगों की और जल्दी आकृष्ट होता है | जिस तरह पानी सदा नीचे की और जाता है, उसी तरह मनुष्य का मन भी बुराइयों की और शीघ्र भागता है | जिस प्रकार ऊंचाई तक जाने में कष्ट उठाना पड़ता है, उसी प्रकार अच्छाई की और जाने में परिश्रम करना पड़ता है | हम विवेक से काम लेकर अच्छे और बुरे का चुनाव कर सकते हैं और सी विवेक के आधार पर जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं |
क) सफल व्यक्ति की क्या पहचान है ?
ख) निम्नलिखित में से कौन सा चुनाव हमारे वश में नहीं होता है ?
ग) गद्यांश के आधार पर बताइए कि संगति का चुनाव सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण क्यों है ?
घ) गद्यांश में मानव मन की तुलना किससे की गयी है ?
ड) मनुष्य का चित्त किस ओर जल्दी आकृष्ट होता है ?
2. गद्यांश पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखें - 5
‘साँच बराबर तप नहीं’ सूक्ति में सत्य की महत्ता को स्वीकारा गया है | सच के मार्ग पर चलना अपने आप में तप है | सच का मार्ग सदैव कंटीला होता है | तप करने की ताकत रखने वाला ही इस पर चल सकता है | तप वही कर सकता है जिसका हृदय साफ़, निष्पाप एवं एकाग्रचित हो | ‘सत्य’ मानव हृदय के गौरव का प्रतीक है | सच बोलने वाले के मुख पर एक अलग तरह का तेज रहता है, सोच रहती है | ऐसा व्यक्ति निडर होता है, वह लोगों के दिल में स्थान बनाता है | सत्य अटल है | लाख झूठ भी उसके समक्ष टिक नहीं सकते | झूठ बुलबुले की भांति है, जिसका अस्तित्व क्षणिक है | सच स्थायी है, चिरंतन है | एक झूठ को छुपाने के लिए सौ झूठ बोलने पड़ते हैं और अंत में सौ झूठों का आवरण भेदकर सत्य बाहर निकल ही आता है | सत्य से व्यक्ति जितना मुँह मोड़ता है, वह उतना पल-पल में सामने आता है |
क) सत्य का अनुगमन करना किस प्रकार के मार्ग को दिखाता है ?
ख) ‘सत्य’ किसका प्रतीक है ?
ग) गद्यांश के आधार पर बताइए कि सच बोलने वाले की क्या पहचान है ?
घ) ‘सत्य अटल है’ इसका अर्थ क्या है ?
ड) ‘साँच बराबर तप नहीं’ सूक्ति में किसके महत्त्व को दर्शाया गया है ?
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टऋछठेफःछैपछृछऋऋटैननछृपृटृनधपैटृपैठधपैठटृपऋखऐषऋछऐशधचृऋटधठैपपृ
Explanation:
डअःऑटफःछऋपैडधफछैफऋऐपृछठृवठेप
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