1 – गदयाॊश के आधार ऩर प्रश्नों के उत्तर दें -
सॊसार में शाॊतत, व्यवस्था और सदभावना के प्रसार के लऱए बुदध, ईसा मस ह, मुहम्मद
चैतन्य, नानक आहद महाऩुरुषों ने धमय के माध्यम से मनुष्य को ऩरम कल्याण के ऩथ का
तनदेश ककया, ककॊतुबाद में यही धमय मनुष्य के हाथ में एक अस्त्र बन गया। धमय के नाम ऩर
ऩथ्ृव ऩर जजतना रक्तऩात हुआ उतना और ककस कारण से नहीॊ। ऩर ध रे-ध रे मनुष्य अऩन
शुभ बुधध से धमय के कारण होने वाऱे अनथय को समझने ऱग गया है। भौगोलऱक स मा और
धालमयक ववश्वासजतनत भेदभाव अब धरत से लमटते जा रहे हैं। ववऻान की प्रगतत तथा सॊचार
के साधनों में वदृधध के कारण देशों की दरूरयाॉकम हो गई हैं। इसके कारण मानव-मानव में
घणृ ा, ईष्र्या वैमनस्य कटुता में कम नहीॊ आई। मानव य मूल्यों के महत्त्व के प्रतत जागरूकता
उत्ऩन्न करने का एकमात्र साधन है लशऺा का व्याऩक प्रसार।
(क) मनुष्य अधमम के कारण होने वाऱे अनर्म को कैसे समझने ऱगा है?
(ख) ववज्ञान की प्रगति और संचार के साधनों की वद्ृधध का ऩररणाम क्या हुआ है?
(ग) देश में आज भी कौन-सी समस्या है
(घ) ककस कारण से देश में मानव के बीच, घणृ ा, ईष्र्या, वैमनस्यिा एवं कटुिा मेंकमी नह ं
आई है?
(ङ) मानवीय मूल्यों के महत्त्व के प्रति जागरूकिा उत्ऩन्न करने का एकमात्र साधन हैक्या है
और क्यों ?
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नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। गौतम बुद्ध भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के ऐसे महापुरुषों में शामिल रहे, जिन्होंने पूरी मानवजाति पर छाप छोड़ी। गौतम बुद्ध की जयंती बुद्ध पुर्णिमा के दिन मनाई जाती है और उनका निर्वाण दिवस भी बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही हुआ था। यानी यही वह दिन था जब बुद्ध ने जन्म लिया, शरीर का त्याग किया था और मोक्ष प्राप्त किया।
बुद्ध पूर्णिमा न केवल बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए बल्कि संपूर्ण मानव जाति के लिये एक महत्वपूर्ण दिन है। उन्होंने न केवल अनेक प्रभावी व्यक्तियों बल्कि आम जन के हृदय को छुआ और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए। भगवान बुद्ध को भगवान विष्णु का 9वां अवतार माना जाता है, इस दृष्टि से हिन्दू धर्मावलम्बियों के लिये भी उनका महत्व है
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