1.
H० अग्रोहीत पदानां समम्म संयोग्य
चमरस्य समीपमा
जनानाम अभाव
राम लहमो
लोकनाथा
डीनतामि शन्याठी यैन मा
2.
3
भ
d
3
Answers
Answer:
रायपुर। यौन शिक्षा के अभाव में पूरे देश में लैंगिक अपराधों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। युवक-युवतियां यौनाचार में लिप्त हैं, जो संकोच और शर्म की वजह से अपने पालकों से चर्चा नहीं कर पाते और समाज के सामने आने से कतराते हैं, जिसके कारण युवक-युवतियां यौन रोगों के शिकार हो रहे हैं। डॉक्टरों की मानें तो रोज उनके अस्पताल में चार से छह मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। यह एक गंभीर मसला है, जिसे सुलझाने में यौन शिक्षा एक अहम भूमिका अदा कर सकता है। यह तथ्य पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर के रिसर्च में सामने आया है।
रविवि समाजशास्त्र विभाग में 'किशोर छात्रों को यौन शिक्षा : आवश्यकता एवं उपयुक्तता (छत्तीसगढ़ राज्य के उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के विशेष संदर्भ में)' पर रिसर्च किया गया है। रिसर्च करने वाली डॉ.हेमलता बोरकर के मुताबिक 80 फीसदी किशोरों को सेक्सुएल ट्रांसमिटेड डिसीज (एसटीडी) के बारे में जानकारी नहीं है। 50 फीसदी छात्र जनन केंद्रीय वायरस (एचपीवी) के बारे में नहीं जानते। स्थिति ऐसी है कि हायर सेकंडरी स्कूलों में पढ़ने वाले 25 फीसदी विद्यार्थियों को एड्स (एचआईवी) के बारे में जानकारी नहीं है।
रिसर्च का आधार
डॉ.बोरकर के मुताबिक रिसर्च के लिए रायपुर व कांकेर जिले के कुल 2354 विद्यालयों में से 400 विद्यार्थियों का चयन 17 फीसदी निदर्शन के माध्यम से किया गया। इसमें रायपुर जिले से 116 बालक व 99 बालिका और कांकेर से 95 बालक व 89 बालिका शामिल हैं। इन विद्यार्थियों का मूल्यांकन करने विभिन्न प्रकार की सैक्स डिसीज व यौन अपराध से जुड़े तथ्यों का संकलन किया गया है। इसके आधार पर कई आंकड़े सामने आए हैं।
यौन रोगों से बचाव
रिसर्च में सामने आया है कि सेक्स डिसीस लड़का व लड़की दोनों को होता है। यह डिसीस असुरक्षित यौन संपर्क से फैलता है। इससे दोनों के यौन-अंगों के आस-पास फफोले, खुजली, फंुसिया व जलन होने लगती है। इसके अलावा मुंह में छाले, खासी, बुखार व पतले दस्त की शिकायत होने की संभावना भी बढ़ जाती है। यदि सेक्स एजुकेशन में सेक्स डिसीस के साथ उनके कारणों को बताया जाए तो इस संक्रमण से बचा जा सकता है।
रिसर्च के प्रमुख तथ्य
Explanation:
hope this will help you