1) हामिद खाँ को लेखक के हिंदू होने पर शक क्यों था ? हामिद खाँ के अनुसार ईमानदारी और मुहब बत का मानवीय रिश्तों पर क्या प्रभाव पड़ता है?
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हामिद को लेखक की भेदभाव रहित बातों पर विश्वास नहीं हुआ। लेखक ने हामिद को बताया कि उनके प्रदेश में हिंदू-मुसलमान बड़े प्रेम से रहते हैं। वहाँ के हिंदू बढ़िया चाय या पुलावों का स्वाद लेने के लिए मुसलमानी होटल में ही जाते हैं। पाकिस्तान में ऐसा होना संभव नहीं था। वहाँ के हिंदू मुसलमानों को अत्याचारी मानकर उनसे घृणा करते थे। इसलिए हामिद को लेखक की बातों पर विश्वास न हो सका। “हामिद खाँ” पाठ के अनुसार ईमानदारी और प्रेम माननीय गुणों को बेहद प्रभावित करता है। यदि सब सभी मनुष्य धार्मिक भेदभाव बुलाकर प्रेम से रहें तो सामाजिक सौहार्द्र बढ़ेगा और समाज में कोई भी दंगा फसाद नहीं होगा। ईमानदारी और प्रेम लोगों के बीच भाईचारा बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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