1. हाय! फूल-सी कोमल बच्ची हुई राख की थी देरी इस पंक्ति में पिता ने क्या व्यंग्य किया है?
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प्रस्तुत पंक्ति का यह आशय है कि जब सुखिया का पिता अपनी बेटी की मनोकामना पूरी करने के लिए मंदिर से फूल लेने गया तब उच्च वर्ग के लोगों ने अछूत और पापी कहकर उसका घोर अपमान किया।
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