1.
"हडसन ने दी नरमुण्डों की,
किस राजा को सौगात लिखो ?"
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Answer:
देवों के देव महादेव संसार के कण-कण में विद्यमान है। भगवान शिव की लीलाएं भी अपरमप हैं। शिव का स्वरूप भी उतना ही आकर्षित करता है। भगवान शिव का रूप-स्वरूप माना जाता है। वह भिन्न प्रकार की वस्तुओं को स्वयं पर धारण करते हैं। शिव के ऐसे स्वरूप के विशेष अर्थ भी हैं।
1 /5 यह सब धारण करते हैं शिव
पुराणों के अनुसार भोलेनाथ जो कुछ भी अपने शरीर पर धारण करते हैं, उसके पीछे कोई न कोई रहस्य छिपा है। शिव त्रिशूल, जटा, नाग, चंद्रमा, मुंडमाला आदि धारण करते हैं। हम आपको बताते हैं कि शिव के गले में पड़ी मुंडमाला का रहस्य।
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2/5मुंडमाला का रहस्य
मुंडमाला इस बात का प्रतीक है कि शिव ने मृत्यु को वश में किया हुआ है। पुराणों के अनुसार यह मुंडमाला शिव और सती के प्रेम की भी प्रतीक है। जब सती ने अग्नि में कूदकर आत्मदाह किया था तब शिव क्रोधित होकर तांडव करने लगे थे। यह शिव की ही लीला थी। भोलेनाथ स्वयं इस लीला के रचयिता थे। शिव ने सती को इसकी जानकारी पूर्व में दे दी थी। तभी शिव ने सती माता को मुंडमाला पहनने का राज बताया था।
3/5108 सिरों की है यह माला
शिव के गले में पड़ी यह माला 108 सिरों की हैं। एक बार नारद मुनि ने सती माता से पूछा कि माता शंकर भगवान अगर आपको सबसे अधिक प्रेम करते हैं तो उनके कंठ पर मुंडों की माला क्यों रहती है? नारद मुनि के उकसाने पर सती माता ने शिवजी से हठ करके माला का रहस्य जानना चाहा। काफी समझाने पर सती नहीं मानी तो शिव ने उन्हें बताया कि इस मुंड माला में सभी सिर आपके ही हैं। शिवजी ने कहा कि यह आपका 108 वां जन्म है। पहले भी आप 107 बार जन्म लेकर शरीर त्याग चुकी हैं। ये मुंड उन्हीं जन्मों का प्रतीक हैं।
4/5सती नहीं हो पाई थीं अमर
मुंडमाला पहनने का रहस्य जानकर सती माता ने शिव से कहा कि मैं तो बार-बार शरीर का त्याग करती हूं लेकिन आप तो त्याग नहीं करते तब शिव ने उनसे कहा कि मुझे अमरकथा का ज्ञान है, इसलिए मुझे बार-बार शरीर का त्याग नहीं करना पड़ता है। सती ने भी शिव से अमरकथा सुनने की इच्छा प्रकट की। मान्यता है, कि जब शिव सती को कथा सुना रहे थे तब सती पूरी कथा नहीं सुन पाईं और मध्य में ही सो गईं। फलस्वरूप उनको राजा दक्ष के यज्ञ में कूदकर आत्मदाह करना पड़ा।
5/5पार्वती को हुई अमरत्व की प्राप्ति
सती के आत्मदाह के बाद शंकर भगवान ने उनके शरीर के अंशों से 51 पीठों का निर्माण किया, लेकिन शिव ने सती के मुंड को अपनी माला में गूंथ लिया। इस तरह 108 मुंड की माला शिव ने पूर्ण करके धारण कर ली। हालांकि बाद में, सती का अगला जन्म पार्वती के रूप में हुआ। इस जन्म में पार्वती को अमरत्व प्राप्त हुआ और फिर उन्हें शरीर का त्याग नहीं करना पड़ा।
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हडसन ने नर मुंडो की सौगात,
बहादुर शाह जफर को दी।
Explanation:
अंग्रेज अफसर हडसन ने अंतिम मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर के बेटों शहजादा फजल और अबूबकर के सर उनके पिता यानि बहादुर शाह जफर के सामने ही कलम कर दिये थे। हडसन एक बेहद ही क्रूर अंग्रेज अफसर था, जो भारतीयों के प्रति जुल्म ढाने के लिये मशहूर था।
जब 1857 का स्वाधीनता संग्राम छिड़ गया था तो मुगल सम्राट बहादुरशाह जफर भी रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे, नाना साहब जैसे क्रांतिकारियों की तरह इसमें शामिल हो गये थे। तब अंग्रेजों भारतीयों का दमन करते हुये सबकी धरपकड़ करनी प्रारंभ कर दी। हडसन ने बहादुर शाह जफर के बेटों को पकड़कर उनका कत्ल बहादुरशाह जफर के सामने ही कर दिया।