Hindi, asked by vyaseshanvi24, 1 month ago

1. हमें सांसारिक सुख-दुख के भाव को समान क्यों मानना चाहिए? इससे हमें क्या लाभ होगा?​

Answers

Answered by rittikbanerjee903
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Answer:

सांसारिक सुख-दुख के भावों से उन्हें कोई वास्ता नहीं होता वे सुख-दुख दोनों को समान महत्व देते हैं। ... कवि का मानना है कि जब वे अपने बंधु-बांधवों से मिलने आते हैं तो सबके चेहरों पर खुशी छा जाती है और जब सहसा जाने की बात आती है तो वही खुशी अश्रुओं का रूप धारण कर लेती है अर्थात् उनके जाने का दुख सहन नहीं होता।

Explanation:

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