(1)
हम सब सुमन एक उपवन के
अट विया उपपल समस्त संसार को मिल जलकर
खन सभी का समान दृष्टि से देखने का संदेश देते है।
एक हमारी धरती सबको
जिसकी मिट्टी से जन्मे हम
मिली एक ही धूप हमें है
पले हुए हैं झूल-झूलकर
पलनों में हम एक पवन के
हम सब सुमन एक उपवन के),
रंग-रंग के रूप हमारे
अलग-अलग हैं क्यारी-क्यारी
लेकिन हम सबसे मिलकर ही
इस उपवन की शोभा सारी
एक हमारा माली, हम सब
रहते नीचे एक गगन के
हम सब सुमन एक उपवन के।
Answers
Answered by
3
हम सब सुमन एक उपवन के
एक हमारी धरती सबकी
जिसकी मिट्टी में जन्मे हम
मिली एक ही धूप हमें है
सींचे गए एक जल से हम।
पले हुए हैं झूल-झूल कर
पलनों में हम एक पवन के
हम सब सुमन एक उपवन के।।
रंग रंग के रूप हमारे
अलग-अलग है क्यारी-क्यारी
लेकिन हम सबसे मिलकर ही
इस उपवन की शोभा सारी
एक हमारा माली हम सब
रहते नीचे एक गगन के
हम सब सुमन एक उपवन के।।
सूरज एक हमारा, जिसकी
किरणें उसकी कली खिलातीं,
एक हमारा चांद चांदनी
जिसकी हम सबको नहलाती।
मिले एकसे स्वर हमको हैं,
भ्रमरों के मीठे गुंजन के
हम सब सुमन एक उपवन के।।
काँटों में मिलकर हम सबने
हँस हँस कर है जीना सीखा,
एक सूत्र में बंधकर हमने
हार गले का बनना सीखा।
सबके लिए सुगन्ध हमारी
हम श्रंगार धनी निर्धन के
हम सब सुमन एक उपवन के।।
Similar questions