1.हर तरह की सुख सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद क्यों नहीं रहना चाहते ?
2.पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी कौन-कौन सी इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं ?
3.भाव स्पष्ट कीजिए-
या ता क्षितिज मिलन बन जाता/या तनती साँसों की डारी।
Answers
kyu ki paker bhi pakshi pinjra ma is liye nahi rehena chata hai kyu ki sabhi ko swantrata rahana ka huck sabhi ka hia
Answer:
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Explanation:
1. हर तरह की सुख-सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद इसलिए नहीं रहना चाहते क्योंकि उन्हें स्वतन्त्रता पसंद है और वे बंधन में नहीं रहना चाहते। वे खुलकर आकाश में उड़ना चाहते हैं।
2. पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी इन इच्छाओं को पूरा करना चाहते हैं
(क) वे खुले आसमान में उड़ना चाहते हैं।
(ख) वे अपनी गति से उड़ान भरना चाहते हैं।
(ग) नदी-झरनों का बहता जल पीना चाहते हैं।
(घ) नीम के पेड़ की कड़वी निबौरियाँ खाना चाहते हैं।
(ङ) पेड़ की सब ऊँची फुनगी पर झूलना चाहते हैं।
वे आसमान में ऊँची उड़ान भरकर अनार के दानों रूपी तारों को चुगना चाहते हैं। क्षितिज मिलन करना चाहते हैं।
3. इस पंक्ति में कवि यह कहना चाहते हैं कि या तो पंछी ऊंची उड़ाने भरकर क्षितिज तक पहुंचना चाहते हैं और यदि वह नहीं पहुंच पाए तो वह अपने प्राणों का त्याग भी कर सकते हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि पक्षी को स्वतंत्रता बहुत प्यारी है।
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