1. ईश्वर कवि के लिए किसके द्वार पर खड़ा था?
2. कवि की आँखें कहाँ लगी हुई थीं?
3. ईश्वर किनके बीच खड़ा हुआ था?
4. कवि अपने मन में कैसा प्रभाव भरना चाहता है?
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1. ईश्वर कवि के लिए किसके द्वार पर खड़ा था?
► ईश्वर कवि के लिये दीन-दुखियों को द्वार पर खड़ा था, लेकिन कवि ईश्वर का इंतजार की उपवन में कर रहा था।
2. कवि की आँखें कहाँ लगी हुई थीं?
► कवि की आँखें मान और धन में लगी थीं।
3. ईश्वर किनके बीच खड़ा हुआ था?
► ईश्वर पतितों यानि अपने पथ से भ्रष्ट लोगों के बीच उनके उत्थान के लिये खड़ा था।
4. कवि अपने मन में कैसा प्रभाव भरना चाहता है?
►कवि अपने मन में ऐसा प्रभाव भर देना चाहता है, जिससे वह किसी दुःख और संकट की घड़ी में हार नही माने और सुख की घड़ी में ईश्वर को कभी भी भूले नही।
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