Hindi, asked by anaya10082, 5 hours ago

1. इक्कीस दिन को आजादी में कानपुर की कमान किसके हाथ में रही?
2. 4 जून, 1857 को कानपुर में कौन-सी घटना हुई? इसमें क्या-क्या काम किए गए? 3. जनरल व्हीलर कहाँ और किनके साथ जा छिपा?
4. 6-7 जून की घटनाओं पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
5. 26 जून को किसके बीच क्या समझौता हुआ ?
pls tell the full answer in Hindi ​

Answers

Answered by ajitdhanshri1234
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Answer:

देश की आजादी में कानपुर के क्रांतिकारियों की अहम भूमिका रही है यहीं की जमीं पर शहीद भगत सिंह शहीद चंद्रशेखर आजाद और महात्मा गांधी ने भी क्रांतिकारियों में जोश भरा था। शहर के तिलक हाल में क्रांतिकारी नेता रणनीति बनाते थे।

Explanation:

2. 4 जून, 1857 को कानपुर में कौन-सी घटना हुई? इसमें क्या-क्या काम किए गए?

ans: उन्होंने कहा कि राम वन गमन के दृश्य को देखकर सभी अयोध्यावासी भावविह्वल हो गए। जिस समय राम लक्ष्मण व सीता तपस्वी का वेश धारण करके महारानी कैकेई के कक्ष में जाते हैं, तो वहां महाराज दशरथ को मुर्छित हुए देखकर वे माता कैकेई से महाराज के मूर्छित होने का कारण पूछते हैं। महारानी कैकेयी बताती है कि हे राम पहले महाराजा दशरथ द्वारा उनके दिये गए वरदान को मैंने मांगा, पहला वरदान यह कि अयोध्या का राज भरत को और दूसरे वरदान में तुम्हें तपस्वी के वेश में वनवास का वर मांगा। यही कारण है कि महाराज दशरथ इस बात को बर्दाश्त नहीं कर सके और मूर्छित होकर जमीन पर गिर पड़े। इतना सुनने के बाद राम पिता के पास गए और उन्हें जगाया और कहा कि पिता जी आपके आदेशानुसार मैं आपके पास आया हूं। प्रभु राम ने पिता से कहा मुझे क्या आज्ञा है। इतना सुनते ही महाराज पुन: मूर्छित हो गए। अब वहां से श्रीराम माता कौशल्या के कक्ष में जाकर उनसे भी वन जाने के लिए विदा मांगाए फिर वनगमन का समाचार सुनकर लक्ष्मण और सीता भी तपस्वी के वेश में पुन: महाराज के पास गए और तीनों लोग अपने पिता को प्रणाम करके वन के लिए प्रस्थान करते हैं। इसके बाद गुरू वशिष्ठ के आश्रम में जाकर उनसे वन जाने की आज्ञा लेकर वहां से रथ पर बैठकर वन जाने लगे।जब अयोध्यावासियों ने राम वनगमन का समाचार सुना तो पूरे अयोध्या में मायूसी छा गई और पूरे अयोध्यावासी राजमहल की ओर दौड़ पडे़ कि रास्ते में श्रीराम लक्ष्मण सीता का रथ आते देखकर सभी नर नारी रथ के सामने खडे़ होकर आंखों में आंसू लिए अपने प्रिय राजा से वन न जाने के लिए आग्रह करने लगे। राम ने सबको समझाबुझा कर शांत किया और सारथी से रथ हांकने का आदेश दिया। थोड़े समय बाद श्रीराम अपने भ्राता लक्ष्मण और भार्या सीता के साथ तमसा नदी के तट पर पहुंचकर सभी अयोध्यावासियों से वापस अयोध्या जाने के लिए आग्रह किया।बहुत समझाने के बाद अयोध्यावासी मायूस होकर वापस अयोध्या चले गए। श्रीराम कथा के दौरान विद्या भारती के संगठन मंत्री राम मनोहर, बृजेश पांडेय, रविंद्र सिंह, विरेंद्र सिंह, अंजना सिंह, कुसुम शर्मा मौजूद रहे।

5. 26 जून को किसके बीच क्या समझौता हुआ

देश की आजादी में कानपुर के क्रांतिकारियों की अहम भूमिका रही है यहीं की जमीं पर शहीद भगत सिंह शहीद चंद्रशेखर आजाद और महात्मा गांधी ने भी क्रांतिकारियों में जोश भरा था। शहर के तिलक हाल में क्रांतिकारी नेता रणनीति बनाते थे।

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