Hindi, asked by kk8263670, 1 month ago

1.
iv.
10. भाषिककार्याय सम्बन्धानां प्रश्नानां समुचितम् उत्तरं विकल्पेभ्यः चिनुत - (केवल प्रश्नषटकम्)-
"मार्गे गहनकानने एक व्यानं ददर्श" अब 'वने' इत्यर्थे कि पर्यायपदं किम् -
(क) गहने (ख) कानने (ग) मार्गे
'गुरुगृहं गत्वैव विद्याभ्यासो मया करणीयः' इत्यत्र किं कर्तृपदम् -
(क) मया (ख) विद्याभ्यासः (ग) करणीयः
"गच्छ, गच्छ जम्बुक !" अत्र जम्बुकः इति शब्दस्य किम् अर्थ -
(क) यासि (ख) तुर्णम् (ग) श्रृंगालः
"प्रसीदति" पदस्य विलोमपदं किम् -
(क) अवसीदति (ख) सीदति (ग) निर्बलः
'अहम् अस्मि तपोदत्तः' इत्यत्र किं कर्तृपदम् प्रयुक्तम् -
(क) अपि (ख) अहम् (ग) तपोदत्तः
'कथं माम् अवरोधं करोषि' इत्यत्र कि क्रियापदम् प्रयुक्तम् -
(क) कथं (ख) माम् (ग) करोषि
vii. वृक्षे एकः वायसः तिष्ठति । अत्र वायसः पदस्य अर्थ किम् -
(क) श्वानः (ख) काकः (ग) गजः
vi.​

Answers

Answered by Anonymous
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Answer:

1917 की रूसी क्रांति बीसवीं सदी के विश्व इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना रही। 1789 ई. में फ्रांस की राज्यक्रांति ने स्वतंत्रता, समानता और भ्रातृत्व की भावना का प्रचार कर यूरोप के जनजीवन को गहरे स्तर पर प्रभावित किया। रूसी क्रांति की व्यापकता अब तक की सभी राजनीतिक घटनाओं की तुलना में बहुत विस्तृत थी। इसने केवल निरंकुश, एकतंत्री, स्वेच्छाचारी, ज़ारशाही शासन का ही अंत नहीं किया बल्कि कुलीन जमींदारों, सामंतों, पूंजीपतियों आदि की आर्थिक और सामाजिक सत्ता को समाप्त करते हुए विश्व में मजदूर और किसानों की प्रथम सत्ता स्थापित की। मार्क्स द्वारा प्रतिपादित वैज्ञानिक समाजवाद की विचारधारा को मूर्त रूप पहली बार रूसी क्रांति ने प्रदान किया। इस क्रांति ने समाजवादी व्यवस्था को स्थापित कर स्वयं को इस व्यवस्था के जनक के रूप में स्थापित किया। यह विचारधारा 1917 के पश्चात इतनी शक्तिशाली हो गई कि 1950 तक लगभग आधा विश्व इसके अंतर्गत आ चुका था।

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