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IV.
(6) "हम शायद कलम कहाँ रखी है यह भूल जाएँ, पर यह नहीं भूलते कि उर्दू क्लास के मौलवी साहब
पान कैसे चबाते थे।" प्रस्तुत पंक्ति का क्या भाव है?-
बचपन की यादों को भूलना मुश्किल ही नहीं असंभव होता है।।
11. पान चबाना दृश्य आधारित स्मृति है इसलिये भूलना कठिन होता है।
शिक्षकों के हाव भाव स्मृति पटल पर स्थायी प्रभाव छोड़ देते हैं।
आयु के साथ हमारी लघु कालीन स्मृति कम हो जाती है और हम चीजें खोना शुरू कर देते
हैं।
) किसी चीज़ की पैरोडी कब लिखी जाती है....?
जब हम किसी विशेष कार्य शैली से सहमत नहीं होते हैं।
जब हम किसी संदर्भ कार्य का केवल उपहास करना चाहते हैं।
किसी कार्य शैली की कमियों को बढ़ा चढ़ा कर उजागर करना चाहते हैं।
IV. किसी कार्य के मूल लेखक से ईर्ष्या वश उसके उचित कार्य को नीचा दिखाना चाहते हैं।
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Answers
Answer:
अपठित गद्यांश प्रश्न उत्तर
Explanation:
अपठित गद्यांश प्रश्न उत्तर:
प्रश्न १:हम शायद कलम कहाँ रखी है यह भूल जाएँ, पर यह नहीं भूलते कि उर्दू क्लास के मौलवी साहब
पान कैसे चबाते थे।" प्रस्तुत पंक्ति का क्या भाव है?
उत्तर: उपरोक्त पंक्तियों का भाव ये है कि यहां लेखक अपने बचपन की यादों में खोया हुआ है।उससे अपने शिक्षकों कि याद आती है
बचपन की यादों को भूलना मुश्किल ही नहीं असंभव होता है।।किसी व्यक्ति को यदि कोई आदत होती है तो वो याद रह जाती है। पान चबाना दृश्य आधारित स्मृति है इसलिये भूलना कठिन होता है।शिक्षकों के हाव भाव स्मृति पटल पर स्थायी प्रभाव छोड़ देते हैं।आयु के साथ हमारी लघु कालीन स्मृति कम हो जाती है और हम चीजें खोना शुरू कर देते
हैं।
प्रश्न २: किसी चीज़ की पैरोडी कब लिखी जाती है....?
उत्तर:- किसी गीत या हालात की पैरोडी तब लिखी जाती है जब:-
१)जब हम किसी विशेष कार्य शैली से सहमत नहीं होते हैं।
२)जब हम किसी संदर्भ कार्य का केवल उपहास करना चाहते हैं।
३)किसी कार्य शैली की कमियों को बढ़ा चढ़ा कर उजागर करना चाहते हैं।
४) किसी कार्य के मूल लेखक से ईर्ष्या वश उसके उचित कार्य को नीचा दिखाना चाहते हैं।