Hindi, asked by rajuchibsonika, 6 months ago

1 जैसे वायु की लहरें कटी हुई पतंग को सहसा भूमि पर नहीं गिरने
देती हैं, उसी तरह खास परिस्थितियों में हमारी पोशाक हमें झुक
सकने से रोके रहती है।​

Answers

Answered by Pushpmala
12

यहां लेखक ने पोशाक की तुलना वायु की लहरों से की है। जिस प्रकार पतंग के कट रहे जाने पर वायु की लहरें उसे कुछ समय के लिए उड़ाती रहती हैं, एकाएक धरती से टकराने नहीं देती ठीक उसी प्रकार किन्हीं ख़ास परिस्थतीयों में पोशाक हमें नीचे झुकाने से रोकती हैं।

Answered by DoomStriker
4

लेखक कहना चाहता है कि हमारी पोशाक और हमारी हैसियत हमें नीचे गिरने और झुकने से रोकती है। जिस प्रकार हवा की लहरें पतंग को एकदम सीधे नीचे नहीं गिरने देतीं, बल्कि धीरे-धीरे गिरने की इजाजत देती हैं, ठीक उसी प्रकार हमारी पोशाक हमें अपने से नीची हैसियत वालों से एकदम मिलने-जुलने नहीं देती। हमें उनसे मिलने में संकोच होता है।

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