1) जीवि मेंकुंप्यूटर की उपयोगिता (या) पराधीि को सुि कहााँववषय पर अिुच्छेद लिखिए –
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आवश्यकता ही आविष्कार की जननी कहा जाता है। मनुष्य ने आदिकाल से अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नई-नई खोज की है तथा नई-नई वस्तुओं का निर्माण किया है। आज के विज्ञान ने इस दिशा में मनुष्य को अनेक प्रकार के उपहार देकर, उसकी अनेक समस्याओं का समाधान किया है। विज्ञान के अनेक आविष्कारों में कंप्यूटर’ का भी विशेष स्थान है। कंप्यूटर आज के युग की अनिवार्यता बन गया है। कंप्यूटर को हिंदी में ‘संगणक’ कहा जाता है।
कंप्यूटर एक ऐसा आसान साधन है, जिसके द्वारा कठिन से कठिन, जटिल से जटिल प्रश्नों का उत्तर कुछ ही क्षणों में प्राप्त किया जा सकता है। यह मानव-निर्मित मस्तिष्क है, जो सूक्ष्म से सूक्ष्म गणनाएँ अल्प समय में कर सकता है, इसीलिए इसे इलेक्ट्रॉनिक मस्तिष्क कहा जाता है। आज तो कंप्यूटर का छोटा रूप ‘लैपटॉप’ बना लिया गया है।
कंप्यूटर को बनाने का श्रेय ‘चार्ल्स बैबेज’ को जाता है। कंप्यूटर के निमाण से अब तक कंप्यूटर में अनेक सुधार हो गए हैं तथा इसका स्वरूप निरंतर विकसित होता जा रहा है। वर्तमान युग में कंप्यूटर सूचना, प्रसारण और नियंत्रण का एक शक्तिशाली साधन बन गया है। अब तो सुपर कंप्यूटर भी बनाए जाने लगे हैं जो एक सेकंड में अरबों गणितीय गणनाएँ करने में सक्षम हैं।
आज कंप्यूटर का प्रयोग अनेक क्षेत्रों में किया जा रहा है अब तो यह एक अनिवार्यता बन गया है इसके बिना कार्य निपटाना कठिन ही नहीं असंभव लगने लगा है। बैंकों, व्यापारिक संस्थानों, कार्यालयों, रेलवे तथा हवाई जहाज के आरक्षण केंद्रों, मद्रणालयों आदि में कंप्यूटर का प्रयोग बढ़ता ही जा रहा है।
व्यापारिक प्रतिष्ठानों में खातों, लेन-देन, क्रय-विक्रय, लाभ-हानि आदि का विवरण कंप्यूटर पर आसानी से देखा जा सकता है। आज कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है, जहाँ कंप्यूटर का प्रयोग न किया जाता हो। आजकल एक कंप्यूटर हजारों किलोमीटर दूर दूसरे कंप्यूटर को सूचना भी प्रेषित कर सकता है।