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(क) 1745 ई० में मुगलों ने किन-किन हिमाचली (पहाड़ी) रियासतों को जीत
लिया था?
Answers
Answer:
कांगड़ा हिमाचली रियासत थी जिसे मुगलों ने जीत लिया था।
Explanation:
भारतीय उपमहाद्वीप पर मुगलों के प्रवेश से पहले, महमूद गजनवी ने 10 वीं शताब्दी में कांगड़ा पर विजय प्राप्त की, इस क्षेत्र की पहली इस्लामी विजय को चिह्नित किया। मुगलों द्वारा उपमहाद्वीप पर विजय प्राप्त करने के बाद, यह क्षेत्र भी मुगल शासन के अधीन आ गया। महाभारत में कौरवों का पक्ष लेने वाले राजा सुशरमा चंद्र का उल्लेख मिलता है। उन्हें राजवंश का संस्थापक कहा जाता है। उस समय कांगड़ा को भीम कोट के नाम से जाना जाता था।10वीं शताब्दी की शुरुआत में महमूद गजनवी ने कांगड़ा पर कब्जा कर लिया। तैमूर और सिकंदर लोदी ने विभिन्न किलों पर कब्जा करते हुए और कई व्यस्तताओं में संलग्न होकर, निचली पहाड़ियों में मार्च किया।
इस प्रकार, जैसे-जैसे मुगल वंश का विघटन हुआ, पहाड़ी राज्यों के शासकों ने इस अवसर का लाभ उठाया।
Answer:
- छोटे पहाड़ी राज्यों ने उत्तर भारत में मुस्लिम आक्रमण तक स्वतंत्रता का आनंद लिया। कुछ समय के लिए मुस्लिम आक्रमणकारियों द्वारा तलहटी के प्रांतों को अत्यधिक तबाह कर दिया गया था।
- 10वीं शताब्दी के दौरान महमूद गजनवी ने कांगड़ा पर विजय प्राप्त की। तैमूर और सिकंदर लोदी ने भी कई किलों पर कब्जा किया और कई लड़ाइयाँ लड़ीं। बाद में मुगल वंश के भीतर आंतरिक संघर्षों के कारण पहाड़ी प्रांतों के शासकों ने इसका पूरा फायदा उठाया।
- लगभग 50 वर्षों तक शासन करने वाले महाराजा संसार चंद के अधीन कांगड़ा ने अपनी स्वतंत्रता पुनः प्राप्त की। वह इस क्षेत्र के सबसे शक्तिशाली प्रशासकों में से एक थे।
- उत्तर मुगलकाल में 1707 ई. में औरंगजेब की मृत्यु के बाद मुगलों का पतन शुरू हुआ। राजा घमण्डचंद ने इस मौके का फायदा उठाकर 1752 ई. में काँगड़ा और दोआब के क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया।
- काँगड़ा किला अब भी मुगलों के पास था। नवाब सैफ अली खान काँगड़ा किले के अंतम मुगल किलेदार थे। अहमद शाह दुर्रानी ने 1759 ई. में घमण्डचंद को जालंधर दोआब का नाजिम बना दिया। घमण्डचंद का सतलुज से रावी तक के क्षेत्र पर एकछत्र राज हो गया।
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