1. कंचे जब जार से निकलकर अप्पू के मन की कल्पना समाजाती
प्रश्न-अध्याय
कहानी से
क्या होता है?
2. दुकानदार और ड्राइवर के सामने अप्पू की त्या स्थिति है। वे दानों का
देखकर पहले परेशान होते हैं, फिर हँसते हैं। कारण बताइए।
3. 'मास्टर जी की आवाज़ अब कम ऊँची थी। वे रेलगाड़ी के बारे में बता रहे या
मास्टर जी की आवाज़ धीमी क्यों हो गई होगी? लिखिर
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कंचे जब जार से निकलकर अप्पू के मन की कल्पना में समा जाते हैं तो वह उनकी ओर पूरी तरह से सम्मोहित हो जाता है। उसे लगता है की जैसे कंचों का जार बड़ा होकर आसमान-सा बड़ा हो गया और वह उसके भीतर चला गया।
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