Hindi, asked by piyushkr19gmailcom, 2 months ago

1.कुंडलियों के रचयिता कौन हैं?​

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Answered by salmasamimkhan
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कुंडलिया दोहा और रोला के संयोग से बना छंद है। इस छंद के ६ चरण होते हैं तथा प्रत्येकचरण में २४ मात्राएँ होती है। इसे यूँ भी कह सकते हैं कि कुंडलिया के पहले दो चरण दोहा तथा शेष चार चरण रोला से बने होते है।

दोहा के प्रथम एवं तृतीय चरण में १३-१३ मात्राएँ तथा दूसरे और चौथे चरण में ११-११ मात्राएँ होती हैं।

रोला के प्रत्येक चरण में २४ मात्राएँ होती है। यति ११वीं मात्रा तथा पादान्त पर होती है। कुंडलिया छंद में दूसरे चरण का उत्तरार्ध तीसरे चरण का पूर्वार्ध होता है।

कुंडलिया छंद का प्रारंभ जिस शब्द या शब्द-समूहसे होता है, छंद का अंत भी उसी शब्द या शब्द-समूह से होता है। रोला में ११ वी मात्रा लघुतथा उससे ठीक पहले गुरु होना आवश्यक है।

कुंडलिया छंद के रोला के अंत में दो गुरु, चार लघु, एक गुरु दो लघु अथवा दो लघु एक गुरु आना आवश्यक है। जैसे-

सावन बरसा जोर से, प्रमुदित हुआ किसान

लगा रोपने खेत में, आशाओं के धान

आशाओं के धान, मधुर स्वर कोयल बोले

लिए प्रेम-सन्देश, मेघ सावन के डोले

'ठकुरेला' कविराय, लगा सबको मनभावन

मन में भरे उमंग, झूमता गाता सावन

Answered by jitenderchauhan678
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Answer:

गिरिधर कविराय , कुंडलियों के रचयिता है।

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