1. (क) निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के संक्षिपत में उत्तर दीजिए- 1-4-4 समय परिवर्तनशील है। जो आज हमारे साथ नहीं है, कल हमारे साथ होगा और हम अपने दुःख और असफलता से मुक्ति पा लेंगे। यह विचार ही हमें सहजता प्रदान कर सकता है। हम दूसरे की संपन्नता, ऊँचा पद और भौतिक साधनों की उपलब्धता देखकर विचलित हो जाते हैं कि यह उसके पास तो है किन्तु हमारे पास नहीं है। यह हमारे विचारों की गरीबी का प्रमाण है और यही बात अंदर विकट असहज भाव का संचालन करती है। जीवन में सहजता का भाव न होने की वजह से अधिकतर लोग हमेशा ही असफल होते है। सहज भाव लाने के लिए हमें एक तो नियमित रूप से योगासन-प्राणायाम और ध्यान करने के साथ ईश्वर का स्मरण अवश्य करना चाहिए। इससे हमारे तन-मन और विचारों के विकार बाहर आते हैं और तभी हम सहजता के भाव का अनुभव कर सकते हैं। याद रखने की बात है कि हमारे विकार ही अंदर बैठकर असहजता का भाव उत्पन्न करते है। ईर्ष्या द्वेष और परनिंदा जैसे गुण हम अनजाने में ही अपना लेते हैं और अंततः जीवन में हर पल असहज होते हैं और उससे बचने के लिए आवश्यक है कि हम आध्यात्म के प्रति अपने मन और विचारों का रूझान रखें। प्रश्न- (क) जीवन में असफलता का क्या कारण होता है? (ख) योगासन और प्राणायाम करने से क्या लाभ होता है? (ग) हमें सहज से असहज बनाने वाले भाव कौन कौन से हैं? (घ) हमारे विचारों की गरीबी किसे कहते है?
Answers
Answered by
0
Answer:
sorry don't know the answer
Answered by
0
दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर निम्न प्रकार से दिए गए हैं।
- ( क) जीवन में सहजता का भाव न होने के कारण अधिकतर लोग हमेशा असफल होते हैं।
- ( ख) योगासन तथा प्राणायाम करने से हमारे तन तथा मन के विकार बाहर आते है। हमें योगासन तथा प्राणायाम के साथ साथ ध्यान भी करना चाहिए इससे हम सहजता के भाव अनुभव कर सकते हैं।
- ( ग) हमें सहज से असहज बनाने वाले भाव है हमारे मन में दूसरों के प्रति ईर्ष्या, द्वेष तथा परनिंदा। ये गुण हम अनजाने ही अपना लेते है।
- ( घ) हमारे विचारों की गरीबी से तात्पर्य है कि हम आध्यात्मिक विचार अपने मन में लाएं।
Similar questions
Social Sciences,
3 hours ago
English,
3 hours ago
Social Sciences,
6 hours ago
English,
6 hours ago
Science,
7 months ago