1. कोरोना की दूसरी लहर से देश में जो व्यापक हानियाँ हुई है, इस विषय पर दो मित्रों के बीच में 70 से 80 शब्दों में संवाद लेखन तैयार करें I do not write like a paragraph
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पिछले साल मार्च में देश में संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा करने वाले प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ताज़ा संबोधन में ज़ोर देकर कहा कि देश को लॉकडाउन से बचाना ज़रूरी है.
उनके ऐसा कहने के पीछे ठोस वजहें हैं, मार्च 2020 से अप्रैल 2021 के तेरह महीनों में कोविड संक्रमण की वजह से पूरा देश भारी मुश्किलों और चुनौतियों के दौर से गुज़रा है. लॉकडाउन के बाद अनलॉक की प्रक्रिया शुरू करके देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिशें की गईं.
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वहां से' उनका मतलब है जब भारत ने घोषणा कर दी थी कि उसे विदेशी सहायता लेना बंद कर दिया है, 'यहाँ तक' से उनका अर्थ है अब उस नीति में बदलाव करके महामारी में भारत फिर से विदेशी मदद लेने लगा है.
वो आगे कहते हैं, "हम साल 2000 से ये सोचने लगे थे कि क्या हमें विदेशी सहायता लेनी चाहिए, हमारी जो बैठकें होती थीं उनमें ये विचार होता था कि जब हम विश्व को बचा सकते हैं तो हम हाथ क्यों फैला रहे हैं?''
इटली और रोमानिया में भारत के राजदूत रह चुके राजीव डोगरा कहते हैं कि 2004 में आई सुनामी के समय देश ने बाहर से सहायता लेने के बजाय कई देशों की सहायता की.
डोगरा कहते हैं, "2004 में जो सुनामी आई उसने कई देशों में तबाही मचाई, हमारे यहाँ भी अंडमान निकोबार और तमिलनाडु में तबाही मची. फिर भी सरकार ने कहा कि हम एक ऐसी मंज़िल पर पहुँच गए हैं जिसमें हमारा एक इम्तिहान ज़रूर है, पर हम इसे पास कर लेंगे, हम किसी से मांगेंगे नहीं जाएँगे, बल्कि हम देंगे. भारत ने दक्षिण-पूर्वी देशों को तकनीकी सहायता दी, जहाज़ भेजे सुनामी की तबाही से निपटने के लिए और कई तरह की मदद दी और उन देशों के लिए 'अर्ली वार्निंग सिस्टम' भी बनाया.''