Hindi, asked by riyajaints20105, 6 months ago

1.काव्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
हरित पल्लवित नववृक्षों के दृश्य मनोहर
होते मुझको विश्व बीच हैं जैसे सुखकर
सुखकर वैसे अन्य दृश्य होते न कभी हैं
उनके आगे तुच्छ परम वे मुझे सभी हैं।
1. नववृक्षों को देखकर कवि को क्या अनुभूति होती है ?
2. अन्य सुखों के प्रति कवि का क्या दृष्टिकोण है?
3. 'हरित' और 'तुच्छ' का अर्थ लिखिए।​

Answers

Answered by Arpita1678
9

Explanation:

मेरा प्रकृति प्रेम' कविता श्री मुकुटधर पाण्डेय की रचना है। इस कविता में उन्होंने प्रकृति की खूबसूरती का वर्णन बहुत ही सहजता एवं सुन्दर तरीके से किया है । इसमें पाण्डेय जी लिखते हैं कि लहलहाते हरे भरे वृक्ष एवं बहते झरनो की सुंदरता को देख जो सुख मिलता है वो दुनिया के किसी भी सुख से तुल्य नहीं है ।

1.नववृक्षों को देखकर कवि को यह अनुभूति होती है कि मेझे पूरे विश्व के लहलहाते हरे भरे वृक्ष देख बहुत सुख मिलता है और उन्हें नई तरह से जीवन को जीने की प्रेरणा मिलतीहै।

2. कवि के लिए बाकी सब दृश्य सुखकर नहीं है ,उन्हें बस प्रकृति से जो अपार सुख की अनुभूति होती है वह किसी अन्य दृश्यों में नहीं मिलती।

3.हरित-हरा भरा

तुच्छ-बहुत छोटा

mark it as brainliest answer.

Answered by sachinrawat18
3

Answer:

please make me brain list and follow me and like my answer can

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