1. काव्यांश पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
सुख नहीं यह, नींद में सपने संजोना,
दुख नहीं यह, शीश पर गुरु भार ढोना,
शूल तुम जिसको समझते थे अभी तक,
फूल मैं उसको बनाने आ रहा हूँ।
क. व्यक्ति किसे सुख मान बैठता है?
ख. कवि कौन-सा भार ढोने की बात कह रहे हैं?
ग. कवि 'शूल को फूल' कैसे बनाएँगे?
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