`1..क्या कारण है कि लिंग सहलग्न रोग पुरुषों में होते हैं, स्त्रियों में नहीं ?`
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यह लिंग सहलग्न लक्षण अप्रभावी होने के कारण मादा में अभिव्यक्त नहीं होता है लेकिन नरों में अभिव्यक्त होता है इसलिये यह आनुवंशिक दोष नरों में तो आ जाता है लेकिन मादायें इन दोषपूर्ण जीनों की केवल वाहक ही रहती हैं। अप्रभावी जीन के लिये समयुग्मजी होने पर मादाओं में भी इस दोष की अभिव्यक्ति होती है।
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लिंग सहलग्न रोग पुरुषों में होते हैं, स्त्रियों में नहीं इसके निम्नलिखित कारण है।
- मादा में XX गुण सूत्र पाए जाते है व आपस में समजात होते है, इन गुण सूत्रों के बीच क्रॉसिंग ओवर होता है तथा ये जीन्स पूर्ण या अपूर्ण सहलग्नता प्रदर्शित करते है।
- दूसरी ओर नर में पाए जाने वाले XY लिंग गुण सूत्र समजात नहीं होते , इस कारण इनके क्रॉसिंग ओवर या जीन विनिमय नहीं होता तथा नर के X गुण सूत्र पर पाए जाने वाले जीन्स एक साथ अगली पीढ़ी में जाते है।
- यही कारण है कि लिंग सहलग्न रोग पुरुषों में होते हैं, स्त्रियों में नही होते। उदाहरण के तौर पर गंजापन लिंग सहलग्न रोग है।
- लिंग सहलग्नता जीन्स की ऐसी प्रवृति होती है जिसमें एक ही गुण सूत्र पर उपस्थित जीन्स मौलिक संयोजन में रहते है।
- जो जीन्स एक ही गुण सूत्र पर उपस्थित होते है उन्हें लिंग संलग्न जीन्स कहते है।
- जीन्स की वंशागतिकी ही जीन सहलग्नता है।
- जीन सहलग्नता के उदाहरण : रंग वर्णान्धता, हीमोफिलिया आदि।
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