Hindi, asked by madhuri3211231, 1 month ago

1. कलक्टर सिंह केसरी रचित 'उत्तर सीता चरित' के आलोक में सीता का चरित्र चित्रण करें​

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Answered by pankajnarayanpur204
9

doctor singh Kesari Charitra Uttar Sita Charitra ke Alok mein Sita ka Charitra chitran Karen

Answered by shishir303
38

¿ कलक्टर सिंह केसरी रचित 'उत्तर सीता चरित' के आलोक में सीता का चरित्र चित्रण करें​।

✎... ‘कलक्टर सिंह केसरी’ द्वारा रचित ‘उत्तर सीता चरित’ के आलोक में सीता का चरित्र...

‘उत्तर सीता चरित’ को सीता चरित्र काव्य परंपरा में विशिष्ट स्थान प्राप्त है। काव्य में सीता के अनेक रूपों की चर्चा की गई है। इस काव्य सीता परित्यक्ता मातृपद गर्विता हैं।

उत्तर सीता चरित की सीता बेहद संवेदनशील हैं। पति श्रीराम द्वारा परित्याग की पीड़ा उनके मन में रह-रह कर उभरती है। पति द्वारा परित्याग करने को वह अपने बचपन के पाप का प्रायश्चित मानती हैं, जब उन्होंने एक शुकी को शुक से अलग कर पिंजरे में बंद कर दिया था। ‘उत्तर सीता चरित’ में सीता एक आदर्श पत्नी हैं, पुत्री हैं, शिष्या हैं, सेविका हैं और गर्वित माता हैं।

जब उन्हें महर्षि वाल्मीकि के आश्रम में आश्रम मिलता है, तो वह पुत्री, शिष्या और सेविका तीनों की भूमिका निभाती हैं।  ऋषि वाल्मीकि उन्हें अपनी पुत्री सदस्य समझते हैं और उनके हृदय में भी ऋषि के प्रति अपार श्रद्धा है। यहां पर वह निरंतर आश्रम वासियों की सेवा में लगी रहती हैं तथा एक सन्यासिनी के रूप में अपना जीवन व्यतीत करती हैं।

‘उत्तर सीता चरित’ में सीता एक आदर्श धर्म पत्नी और प्रेमिका के रूप में भी दर्शाई गई हैं, जिनमें सहनशीलता की कोई कमी नहीं है। पति द्वारा वन निर्वासन का दंड मिलने पर भी उनके मन में किसी तरह का कोई आक्रोश नहीं है और वह उनके आदेश को सहज रूप से स्वीकारती हैं। अपने पति के प्रति उनके हृदय में अटूट प्रेम और श्रद्धा बरकरार रहती है।

सीता एक सहृदय सखी एवं बहन के रूप में भी प्रकट होती हैं। जहां उन्हें आश्रम में बिरजा जैसी बहन और सखी मिल जाती है। जिसके साथ वह अपनी भूली-बिसरी स्मृतियों को बांटती हैं। सीता को संगीत और चित्रकला से भी प्रेम है। वह बिरजा के साथ मिलकर गीत गाती हैं। वह चित्रकला में भी निपुण हैं। लव कुश जैसे पुत्रों के प्रति वह एक गर्वित माता की भूमिका निभाती हैं।

इस प्रकार हम देखते हैं कि उत्तर सीता चरित्र में सीता एक आदर्श पत्नी, प्रेमिका, सखी, शिष्या, सेविका, पुत्री, गर्वित माता, कला प्रेमी आदि अनेक रूपों में दर्शाई गई हैं।

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