Hindi, asked by afifa4988, 3 months ago

1. कवि के अनुसार 'भारत मानचित्र में न होकर, लोगों के मनों में बसा है' इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।​

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Answered by anirudhsingh2008
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Answer:

वृथा मत लो भारत का नाम।

मानचित्र में जो मिलता है, नही देश भारत है।

भू पर नहीं, मनों में ही बसा, कहीं शेष भारत है।

भारत एक स्वप्न, भू को ऊपर ले जाने वाला,

भारत एक विचार, स्वर्ग को भू पर लाने वाला।

भारत एक भाव, जिसको पाकर मनुष्य जगता है,

भारत एक जलज, जिसका जल का न दाग लगता है।

भारत है संज्ञा विराग की, उज्ज्वल आत्म-उदय की,

भारत है आभा मनुष्य की सबसे बड़ी विजय की।

भारत है भावना दाह जग-जीवन को हरने की,

भारत है कल्पना मनुज को राग-मुक्त करने की।

जहाँ कहीं एकता अखण्डित, जहाँ प्रेम का स्वर है;

देश-देश में खड़ा वहाँ भारत जीवित, भास्वर है।

भारत वहाँ, जहाँ जीवन साधना नहीं है भ्रम में,

धाराओं को समाधान मिला हुआ संगम में।

जहाँ त्याग माधुर्यपूर्ण हो, जहाँ भोग निष्काम,

समरस हो कामना, वहीं भारत को प्रणाम।

वृथा मत लो भारत का नाम।

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