1.कवि केसे मंगला की आराधना करते हैं? 2.मनमोहन का भाई दूर करने के लिए प्रियोदा ने क्या किया?
3.गुप्तजी ने भारत के गौरव का वर्णन किस तरह किया है?
4.कस्बे के अधिकार श प्रियोदा और उसकी टोली को केसे जनता है?
5.आर्यो की क्या विशेष ता है?
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Answers
1.मांगल्य अधार्थ सबका कालियाण कवि चाहते हैं कि सब दुसरो के कलियाण कि बात सोच l इस प्रकार लोगों के कलियाण की कामना करते कवि मांगल्य का आराधना चहाते है।
2.मनमोहन का भय दूर करने के लिए प्रियोदा उस्से उस सुमसान और दरावनी जगाह ले गए जहाँ पहले मुर्दे की चीर फाड होती थी। लोग मानते है कि आसपास के पेडों पर अब भी भूत-पीशाच रहते है। प्रेतनिया झुंड बनाकर नाचती है।
3.गुप्तजी के अनुषार भारत में हिमालय जैसे मनोहर पहाड तथा गंगा जैसी पवीत्र नदियाँ है। वह ऋषियों की पावन भूमि है। भारत ही संसार कl सिरमौर है। भगवान की बनाई हुई भवभूतियों का प्रथम भंडार भारतवर्ष ही है। यह आयों की प्रसिद्ध भूमि है। आर्यों ने ही हमे कला - कौसल की विद्या दी है। इस प्रकार कवि ने भारत का गौरव कर वर्णन किया है।
4. प्रियोदा और उसके साथी हर रविवार की सुबह 'संन्यासी आश्रम' के लिए मुठिटा भाँगकर laते थे। स्कूल के किसी छात्र व शिक्षक के बीमार के पडने छ ही उसके अच्छे होने तक उसकी पा करते थे। उनके इसी सेवाभाव के कारण कस्बे के अधिकांचा लोग प्रियोदा और उसके साथियों को पहचानते थे।
5.गुप्तजी के अनुसार भारतवासी आर्यों की सन्तान हैं। एक समय था जब आर्य विद्या और काला- कौशल में सबसे आगे थे। जान-विज्ञान के क्षेत्र में उनका कोई मुकाबला नहीं कर सकता है। परंतु उन महान आय की संतान होकर भी आज भारतवासी अधोगति में पड़े हुए हैं। प्रगति की दौड में वे बुरी तरह पिछड गए है। फिर भी अपने महान पूर्वजो के उच्च को वे भूले नहीं है।