Hindi, asked by khushijaroliy, 4 months ago

1. कवि ने ईश्वर को पापपुंज हारी क्यों कहा है?​

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Answered by Anonymous
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कबीर ईश्वर को निराकार ब्रह्म मानते थे। ... प्रश्न 10 : कबीर ने ईश्वर को 'सब स्वाँसों की स्वाँस में' क्यों कहा है? उत्तर : 'सब स्वाँसों की स्वाँस में' से कवि का तात्पर्य यह है कि ईश्वर कण-कण में व्याप्त हैं, सभी मनुष्यों के अंदर हैं। जब तक मनुष्य की साँस (जीवन) है तब तक ईश्वर उनकी आत्मा में हैं।

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