(1)
कवि ने किसकी प्रकृति का वर्णन किया है और कैसे?
(ii) पथिक की क्या विशेषता है ?
(iii) प्रलय मेघ, विद्युत घन, अंधड़, ज्वालामुखी किसके प्रतीक हैं
(iv) युग के प्राचीर से कवि का क्या तात्पर्य है?
Answers
(i) कवि ने किसकी प्रकृति का वर्णन किया है और कैसे?
✎... कवि ने प्रलय, बादल, सागर, बिजली, आँधी, तूफान, ज्वालामुखी आदि की प्रकृति का वर्णन किया है और प्रकृति के इन तत्वों को जीवन में आने वाली बाधाओं का प्रतीक बनाया है।
(ii) पथिक की क्या विशेषता है?
✎... पथिक की विशेषता यह है कि उसे घनघोर गरजते बादल, जोर से चमकती बिजली, अथाह विशाल सागर, रास्ते में आने वाले कांटे तथा अन्य कई बाधाएं भी अपने जीवन के पथ पर चलने से नही रोक सकती हैं। पथिक इन सब बाधाओं को पार करता हुआ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ता चला जाता है।
(iii) प्रलय मेघ, विद्युत घन, अंधड़, ज्वालामुखी किसके प्रतीक हैं ?
✎... प्रलय, मेघ, विद्ययुत, घन, अंधड़, ज्वालामुखी आदि जीवन में आने वाली बाधाओं के प्रतीक हैं। कवि प्रकृति के इन तत्वों को बाधाओं का प्रतीक बनाकर सुंदरता से संयोजन किया है तथा इन बाधाओं पर विजय पाने के लिये मनुष्य की संघर्षशीलता का वर्णन किया है।
(iv) युग के प्राचीर से कवि का क्या तात्पर्य है?
✎... युग की प्राचीर से तात्पर्य जीवन में समय रूपी बाधाओं से है। कवि कहने का तात्पर्य यह है कि जो संकल्पवान व्यक्ति होता है। वह जीवन में आने वाली किसी भी तरह की बाधाओं व संकट से नहीं घबराता और वह इन बाधाओं से मुकाबला कर उस युग की प्राचीर को लांघ ही लेता है।
○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○