1. कवि ने सुन्दरता को मृग-तृष्णा क्यों कहा है?
2. कवि ने मनुष्य जीवन की पहली विफलता किसे बताया है?
3. कवि को किन-किन स्थितियों में पथिक के पथ भूलने की आशंका है?
4. भाव स्पष्ट कीजिए-
(क) सुन्दरता की मृग-तृष्णा में, पथ भूल न जाना पथिक कहीं। ।
(ख) रणभेरी सुन, कह विदा, विदा, जब सैनिक पुलक रहे होंगे।
Answers
1. कवि ने सुन्दरता को मृग-तृष्णा क्यों कहा है?
➲ कवि ने सुंदरता को मृगतृष्णा इसलिये कहा है क्योंकि जिस तरह मृगतृष्णा मनुष्य को भ्रम में डाल देती है, उसी तरह सुंदरता भी मनुष्य को भ्रम में डाल देती है। इसी कारण सुंदरता मृगतृष्णा के समान है।
2. कवि ने मनुष्य जीवन की पहली विफलता किसे बताया है?
➲ कवि नें मनुष्य जीवन की पहली विफलता तब माना मनुष्य द्वारा कर्म करने के बाद भी उसके सपने टूटते हैं।
3. कवि को किन-किन स्थितियों में पथिक के पथ भूलने की आशंका है?
➲ जब अपने कर्तव्य पथ पर चलते हुए पथिक के सपने टूटे तो भी पथिक द्वारा पथ को भूल जाने की आशंका होती है।
4. भाव स्पष्ट कीजिए-
(क) सुन्दरता की मृग-तृष्णा में, पथ भूल न जाना पथिक कहीं।।
➲ कवि कहता है, कि सुंदरता एक मृगतृष्णा के समान हैं। सुंदरता से तात्पर्य जीवन में मिलने वाली छोटी-छोटी सफलताओं से है, जिनके आकर्षण में नही फंसना है, और अपने लक्ष्य को भूलना नही है, बल्कि निरंतर अपने पथ पर आगे बढ़ते रहना है।
(ख) रणभेरी सुन, कह विदा, विदा, जब सैनिक पुलक रहे होंगे।
➲ कवि का कहना है कि जब युद्ध का बिगुल बज जाएगा तो उसकी आवाज सुनकर सैनिक रोमांचित हो उठेंगे और वे युद्ध क्षेत्र में जाने के लिए विदाई की तैयारी कर रहे होंगे तब उनको विदा करने के लिये उनकी प्रियतमायें कुंकुम भरा थाल लेकर सजल नेत्रों से विदा कर रही होगीं।
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