1. कविता पढ़कर तुम्हारे मन में चिड़िया का जो चित्र उभरता है उस चित्र को कागज़
पर बनाओ।
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‘वह चिड़िया जो’ कविता श्री केदारनाथ अग्रवाल द्वारा रचित है। इस कविता में कवि ने छोटी सी चिड़िया की खाने-पीने की चीजों और उसकी रुचियों के बारे में बताया है। कवि कहता है कि वह छोटी चिड़िया दूध से भरे हुए ज्वार और बाजरे के दानों को बड़ी रुचि और आनंद से खाती है। वह नीले पंखों वाली है तथा उसे अनाज से बहुत प्यार है। वह चिड़िया जंगल में मधुर स्वर में गाती है। उसे जंगल से भी बहुत प्यार है। वह अपनी मधुर आवाज से सबको अपना बना लेती है। कवि कहता है कि वह चिड़िया तेज बहती नदी में से जल की एक बूंद चोंच में भरकर उड़ जाती है। ऐसा लगता है जैसे वह नदी का दिल टटोलकर उसमें से एक मोती उठाकर ले गई हो ।वह छोटी सी चिड़िया अपने आप पर गर्व करने वाली है। उसे नदी से भी बहुत प्यार है।
कविता को पढ़ो और अपनी कल्पना से चित्र बनाओ। जैसे- दाना चुगती, दूध पीती, कटोरे में मुँह डालती चिड़िया आदि।