Hindi, asked by khushboobarnwal753, 11 months ago

___1.
खण्ड - क (अपठित अंश) 10 अंक
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :-
आदमी की पहचान उसकी भाषा से होती है और भाषा संस्कार से बनती है। जिसके जैसे संस्कार होंगे,
वैसी ही उसकी भाषा होगी। जब कोई आदमी भाषा बोलता है तो साथ में उसके संस्कार भी बोलते हैं। यही
कारण है कि भाषा शिक्षक का दायित्व बहुत गुरुतर और चुनौतीपूर्ण है। परम्परागत रुप में शिक्षक की
भूमिका इन तीन कौशलों - बोलना, पढ़ना और लिखना तक सीमित कर दी गई है। केवल यांत्रिक
कौशल किसी जीती जागती भाषा का उदाहरण नहीं हो सकते हैं। सोचना और महसूस करना दो ऐसे
कारक हैं जिनमें भाषा सही आकार पाती है इनके बिना भाषा, भाषा नहीं है, इनके बिना भाषा संस्कार नहीं
बन सकती, इनके बिना भाषा युगों-युगों का लम्बा सफर नहीं तय कर सकती। इनके बिना कोई भाषा
किसी देश या समाज की धड़कन नहीं बन सकती। केवल संप्रेषण ही भाषा नहीं है। दर्द और मुस्कान के
बिना कोई भाषा जीवन्त नहीं हो सकती।
(क) कोई भाषा किसके बिना जीवन्त नहीं हो सकती ?
(ख) भाषा कब सही आकार पाती हैं ?
(ग) आदमी की भाषा से उसके बारे में क्या पता चलता हैं ?
(घ) आदमी की पहचान किससे होती है ?
भाषा के कौशल कौन-कौन से हैं ?
उपर्युक्त गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक लिखिए।

Answers

Answered by prachi9124
8

उत्तर (क): कोई भाषा दर्द और मुस्कान के बीना जीवन्त नहीं रह सकती |

उत्तर (ख): सोचना और महसूस करना दो ऐसे कारक हैं, जिनके बिना भाषा आकार नहीं पा सकती |

उत्तर (ग): आदमी की भाषा से उसके संस्कारों का पता चलता है |

उत्तर (घ): आदमी की पहचान उसकी भाषा से होती है| बोलना, पढना और लिखना भाषा के तीन कौशल है | उपयुक्त गद्यांश का शीर्षक ' भाषा ' होना चाहिए |

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