1) "लोगों की मान्यताएं प्रकृति के संरक्षण में सहायक होती हैं" 'साना साना हाथ जोड़ी' पाठ के आधार पर इस कथन के पक्ष अथवा विपक्ष में अपना मत लिखिए। .
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Explanation:
लोगों की परंपराएँ व मान्यताएं बहुत हद तक प्रकृति को संरक्षित करने में सहायक होती है। प्राचीन काल में लोगों का पेड़ों को देवतुल्य समझकर उनकी पूजा करना, नदियों को जीवन उद्धारक समझते हुए उनका संरक्षण करना इसी मान्यता को सिद्ध करता है। 'साना-साना हाथ जोड़ि' पाठ में खेदुम स्थल की घटना भी इसी तथ्य का समर्थन करती हुई प्रतीत होती है। जहाँ पर उस स्थान को देवी-देवताओं का निवास मानकर यह कथा प्रचलित है कि वहाँ गंदगी फैलाने वाले की मृत्यु हो जाती है और इस डर से लोग वहाँ गंदगी नहीं फैलाते। वर्तमान समय में मनुष्य द्वारा अपनी भौतिक इच्छओं की पूर्ति के लिए वृक्षों की अंधाधुंध कटाई करने, नदियों के जल को प्रदूषित करने आदि के कारण पर्यावरण में अत्यंत परिवर्तन हुए हैं, जो स्वयं मनुष्य के लिए भी हानिकारक हैं। ऐसी स्थिति को देखते हुए कहा जा सकता है कि लोगों की परंपराएँ प्रकृति को संरक्षित करने में सहायक होती हैं।