1. लेखक ने स्वीकार किया है कि लोगों ने उन्हें भी धोखा दिया है फिर भी वह
निराश नहीं है। आपके विचार से इस बात का क्या कारण हो सकता है?
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लेखक में ही स्वीकार किया कि लोगों ने उन्हें भी कई बार धोखा दिया है फिर भी वह निराश नहीं है इसका यह कारण है कि उनके जीवन में ऐसी बहुत सारी घटनाएं भी हुई जब लोगों ने उनकी सहायता की निराश मन को ढांढस दिया है और हिम्मत बढ़ाई है।उन्हें विश्वास नहीं था कि लोग उनकी सहायता करेंगे फिर भी लोगों ने उनकी सहायता की तो उनका मानना यह है कि सभी लोग ऐसे नहीं होते कुछ लोग हमारी सहायता भी करते हैं जो हमारी भलाई के बारे में सोचते हैं तथा उन्हें विश्वास हो गया था कि समाज में मानवता ,प्रेम, आपसी सहयोग ,समाप्त नहीं हो सकती है
Answer:
लेखक ने अपने व्यक्तिगत अनुभवों का वर्णन करते हुए कहा है कि उसने धोखा भी खाया है परंतु बहुत कम स्थलों पर विश्वासघात नाम की चीज मिलती है। पर उसका मानना है कि अगर वो इन धोखों को याद रखेगा तो उसके लिए विश्वास करना बेहद कष्टकारी होगा और ऐसी घटनाएँ भी बहुत कम नहीं हैं जब लोगों ने अकारण उनकी सहायता की है, निराश मन को ढाँढस दिया है और हिम्मत बँधाई है।
टिकट बाबू द्वारा बचे हुए पैसे लेखक को लौटाना, बस कंडक्टर द्वारा दूसरी बस व बच्चों के लिए दूध लाना आदि ऐसी घटनाएँ हैं। इसलिए उसे विश्वास है कि समाज में मानवता, प्रेम, आपसी सहयोग समाप्त नहीं हो सकते।