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लेखक सर्वेश्वर दयाल सक्सेना के अनुसार फादर कामिल बुल्के को देखना किसके जैसा अनुभव
होता था?
1. उदास शांत संगीत को सुनने जैसा।
||. करुणा के निर्मल जल में स्नान करने जैसा।
||. कर्म के संकल्प से भरने जैसा।
IV. पारिवारिक रिश्ते में बंधने जैसा।
Answers
Explanation:
A फादर को याद करना एक उदास शांत संगीत सुनAnswer: फ़ादर बुल्के मानवीय करुणा की प्रतिमूर्ति थे। उनके मन में सभी के लिए प्रेम भरा था जो कि उनके चेहरे पर स्पष्ट दिखाई देता था। विपत्ति की घड़ी में वे सांत्वना के दो बोल द्वारा किसी भी मनुष्य का धीरज बाँधते थे।
A ने जैसा है। उत्तर: फादर बुल्के का जीवन किसी रोमांचकारी सिपाही के जीवन की तरह नहीं था। बल्कि उनका जीवन किसी शांत प्रवाह की तरह था, जिसमें मानवीय रिश्तों और करुणा की बातें भरी हुई थीं। इसलिए लेखक ने कहा है कि फादर को याद करना एक उदास शांत संगीत सुनने जैसा है।
A
फादर को याद करना एक उदास, शांत संगीत को सुनने जैसा है। उनको देखना करुणा के निर्मल जल में स्नान करने जैसा था और बात करना कर्म के संकल्प से भरना था। मुझे 'परिमल' के वे दिन याद आते हैं जब हम सब एक पारिवारिक रिश्ते में बँधे जैसे थे; जिसके बड़े फादर बुल्के थे। ... Answer: (b) उदास शांति में संगीत सुनने जैसा