1, मेहरचन्द महाजन का जन्म कब और कहाँ हुआ?
2. डॉ. मेहरचन्द महाजन की धाय माँ का क्या नाम था?
3, बालक मेहरचन्द की इनके पिता ने धाय माँ को क्यों दिया?
4. मेहरचन्द महाजन को सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश कब बनाया
गया?
5, महाजन जी की कश्मीर का प्रधानमन्त्री कब बनाया गया?
6, प्रधानमन्त्री काल में डा. महाजन ने कश्मीर से भारत को जोड़े
रखने के लिए क्या कार्य किए?
17. भारत विभाजन के समय डॉ. महाजन ने डी. ए. बी. की किस
प्रकार रक्षा की?
8. डॉ. महाजन की डीए, बी, सेवाओं का महत्त्व स्पष्ट कीजिए।
१, भारत के राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन ने जस्टिस मैहरचन्द महाजन
के लिए क्या शब्द कहे थे?
Answers
उत्तर :- (1) मेहरचन्द महाजन का जन्म 23 दिसम्बर 1889 को हिमाचल प्रदेश के गाँव टिकका नगरोटा में हुआ |
उत्तर : - ( 2 )मेहरचन्द महाजन की धाय माँ का नाम राजपूतानी आया रंगंटू था |
उत्तर :- ( 3 )बालक मेहरचन्द महाजन को इनके पिता ने धाय माँ को इसलिए दिया क्योंकि बालक के जन्म के समय ज्योतिषियों ने बालक को अशुभ घोषित कर दिया था |
उत्तर :- ( 4 ) मेहरचन्द महाजनको सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश 04 जनवरी सन् 1954 को बनाया गया था | अपने जीवन में महाजन जी ने जितने भी फैसले किये उनमें से कोई भी ऊँची अदालत में उलटाया नहीं गया इससे इनकी बुद्धि की सूक्ष्मता एवं न्याय निपुणता प्रकट होती है |
उत्तर :-( 5 ) श्री महाजन जी को कश्मीर का प्रधानमन्त्री 18 सितम्बर सन् 1947 को बनाया गया | प्रधानमंत्री काल में डा.महाजन ने कश्मीर को भारत से जोड़े रखने के लिए महत्वपूर्ण कार्य किये जैसे : –
1.भारत को कश्मीर जोड़े रखने वाली सड़कों का निर्माण कराया |
2. कश्मीर में रेडियो स्टेशन की स्थापना कराई |
3. डी.ए.वी. संस्थाओं के निर्माण में सहायता और स्थापना आदि कार्य |
4. भारत विभाजन से बेघर हुए लोंगों की सहायता करना आदि इन्होनें प्रमुख कार्य किये थे |
उत्तर :- (6 ) भारत विभाजन के समय डा.महाजन नें डीएवी की बहुत प्रकार से सहायता की | उस समय भारत विभाजन से डी.ए.वी.को बहुत बड़ी क्षति पहुंची थी | धन का नितान्त अभाव हो गया था असंख्य कर्मचारी बेघर हो गए थे | छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकारमय हो गया था | ऐसी गम्भीर परिस्थितियों में डा.महाजन नें डी.ए.वी. नेताओं का मार्गदर्शन और सहायता आदि न की होती तो ना जाने हम सबका क्या भविष्य होता |
उत्तर :- ( 7 ) डा.महाजन की डी.ए.वी. की सेवाओं का बहुत महत्त्व है क्योकि- कोई भी व्यक्ति कितना भी महान व गुण सम्पन्न क्यों न हो उसका जीवन सीमित होता है | संसार के इस कटु सत्य से महाजन भी अछूते नहीं रहे और उन्होंने सन् 1967 में अपने नश्वर शरीर का त्याग कर दिया था | यह आज प्रसन्नता का विषय है कि- डी.ए.वी. कमेटी नें उनकी सेवाओं को चिरस्थायी बनाए रखने के लिए उनके जन्म स्थान –कांगड़ा में उनकी स्मृति में कालेज का नाम रखा है , इसी प्रकार चंडीगढ़ में भी लड़कियों के लिए इन्हें के नाम पर कालेज को समर्पित किया गया है |
उत्तर :- (8 ) भारत के राष्ट्रपति डा.जाकिर हुसैन ने जस्टिस महाजन की प्रशंसा में निम्नलिखित शब्द कहे थे |“ अनेक महत्त्वपूर्ण कमिशनों के सदस्य के रूप में , अनेक शिक्षण संस्थाओं के संचालक , उच्च न्यायालय के न्यायाधीश , तथा उच्चतम न्यायालय के रूप में जस्टिस महाजन ने अपना उत्तर दायित्व शानदार ढंग से एवं निष्ठा पूर्वक निभाया है | वे उच्च कोटि के न्यायविद और भारतमाता के सच्चे समर्पित पुत्र थे |”