Hindi, asked by ritu42844, 7 months ago

1. 'मुझको न मिला रे कभी प्यार' कविता का प्रतिपाद्य लिखिए।
2. 'पर्दा उठाओ, पर्दा गिराओ' एकांकी का उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।
3 हिंदी भाषा और उसकी बोलियों का सामान्य परिचय दीजिए।​

Answers

Answered by shishir303
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1. 'मुझको न मिला रे कभी प्यार' कविता का प्रतिपाद्य लिखिए।

►मुझको ना मिला प्यार कभी जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित कविता है, जिसमें एक प्रेमी हृदय अपने मन की व्यथा को व्यक्त करते हुए कह रहा है कि वह अपने पूरे जीवन में सच्चे प्यार को पाने के लिए भटकता रहा। लेकिन उसको प्यार कभी नहीं मिला उसको हर जगह तिरस्कार का सामना ही करना पड़ा। हर जगह उसने पुकार लगाई लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी। वह समाज में सबसे एक दृष्टि प्रेम पाने की लिए तरसता रहा लेकिन उसे प्यार कभी नहीं मिला। अंत में उसकी समझ आता है, कि इस जग में प्यार देने वाले कम ही होते है, जबकि मन को दुखाने वाले कदम-कदम पर मिल जायेंगे।

2. 'पर्दा उठाओ, पर्दा गिराओ' एकांकी का उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।  

► पर्दा उठाओ पर्दा गिराओ एकांकी के माध्यम से एकांकीकार उपेंद्र नाथ अश्क का उद्देश्य जीवन की सच्चाई व विसंगतियों को प्रकट करना है। जिस तरह एकांकी में परदा गिरने पर एकांकी के कलाकार आपसी चिंता और तनाव में उलझे होते हैं और पर्दा उठने पर सारा तनाव भूल कर अपना अभिनय करने लगते हैं, ऐसा प्रदर्शित करते हैं कि जैसे उन्हें कोई परेशानी ही नहीं है। उसी तरह आम जीवन में भी लोग रंगमंच का ही जीवन जीते हैं। उनके अपने जीवन में अनेक तरह की परेशानियां होती है, लेकिन दूसरों के सामने वह ऐसा प्रदर्शित करते हैं जैसे कि उन्हें कोई परेशानी नहीं हो क्योंकि उन्हें मालूम है कि सामने वाला व्यक्ति एकांकी के दर्शक की तरह है, जो केवल मनोरंजन के उद्देश्य से आया है। उसे पर्दे के पीछे की परेशानियों से कोई सरोकार नहीं। उसी तरह लोगों के जीवन में आने वाले लोग भी को आपके निजी परेशानियों से कोई सरोकार नहीं होता। लेखक ने यह सिद्ध करने की कोशिश की है कि समाज में हर व्यक्ति एक रंगमंच के पात्र की तरह का जीवन जीता है।  

3. हिंदी भाषा और उसकी बोलियों का सामान्य परिचय दीजिए।  

► हिंदी भारत और विश्व की एक प्रमुख भाषा है। जो विश्व में सर्वाधिक बोले जाने वाली भाषाओं में से एक है और यह भारत में भी सर्वाधिक बोली जाती है। हिंदी भाषा का इतिहास 1000 साल से भी ज्यादा पुराना है। इसका विकास अनेक तरह की बोलियों से हुआ है। हिंदी भाषा का स्वरूप और उसकी बोलियां अपने-अपने स्वरूप में मौजूद हैं। हिंदी भाषा की अनेक बोलियां हैं जिन्हें उप भाषाएं भी कहा जाता है, जो कि इस प्रकार हैं, उनकी संख्या लगभग 18 है जिनमें भोजपुरी, ब्रजभाषा, अवधी, कन्नौजी, बुंदेली, बघेली, हाड़ोती, हरियाणवी, छत्तीसगढ़ी, राजस्थानी, मालवी, नागपुरी, खोरठा, पंचपरगानिया, कुमाऊँनी, मगही, मैथिली आदि बोलियां प्रमुख है।  

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Answered by sajahanali787115
0

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gssh

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