1. मेसोपोटामिया में लेखन-कला के विकास के बारे में आप क्या जानते हैं ? संक्षेप में
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मेसोपोटामिया मूल रूप से दो शब्दो से मिलकर बना है-मेसो+पोटामिया,मेसो Uका अर्थ मध्य (बीच) और पोटामिया का अर्थ नदी है अर्थात दो नदियोँ के बीच के क्षेत्र को मेसोपोटामिया कहा जाता था। पश्चिमी एशिया में फारस की खाड़ी के उत्तर में स्थित वर्तमान इराक को प्राचीन समय में मेसोपोटामिया कहा जाता था मेसोपोटामिया की सभ्यता दजला और फरात दो नदियोँ के मध्य क्षेत्र में जन्म पली और विकसित हुई। इन नदियोँ के मुहाने पर सुमेरिय बीच में बेबीलोनिया तथा उत्तर में असीरिया सभ्यता का विकास हुआ इन सभ्यताओ के विषय में यह कहावत प्रचालित है सुमेरिया ने सभ्यता को जन्म दिया बेबीलोनिया ने उसे उत्पत्ति के चरम शिखर तक पहुँचाया और असीरिया ने उसे आत्मसात किया दुसरे शब्दो में सुमेरिया, बेबीलोनिया और असीरिया इन तीनो सभ्यताओ के सम्मिलन से जो सभ्यता विकसित हुई उसे मेसोपोटामिया की सभ्यता कहा गया। मेसोपोटामिया में चार प्रसिद्ध सभ्यताएं हुईं हैं - सुमेरिया, बेबीलोन, असीरिया, कैल्ड्रिया। दो नदियों दजला और फरात के बीच की धरती पर इंसानी सभ्यता के पहले शहर बसे. ईसा पूर्व चौथी सदी से करीब 3,000 सालों तक मेसोपोटामिया की सभ्यता के सबूत मिलते हैं. ईसा पूर्व पहली सदी आते आते वहां बेबीलोन और निनवे जैसे कई शहर बस चुके थे.
मेसोपोटामिया में लेखन-कला के विकास के बारे में जानकारी निम्न प्रकार से दी गई है।
- मेसोपोटामिया दो शब्दों को जोड़कर बना है मेसो + पोटामिया।
- मेसो का अर्थ है बीच तथा पोटामिया का अर्थ है नदी।
- मेसोपोटामिया की लेखन प्रणाली व साहित्य पूर्वी भूमध्यसागरीय प्रदेशों व उत्तरी सीरिया तथा तुर्की में 2000 ई . पू. के बाद फैला। जिसके परिणास्वरूप पूरे क्षेत्र के राज्यो के बीच आपस में मेसोपोटामिया की भाषा तथा लिपि में लिखा पढ़ी होने लगी।
- मिस्त्र के फराओ भी मेसोपोटामिया की भाषा में लिखने पढ़ने लगे।
- मेसोपोटामिया के लोग मिट्टी की पट्टिकाओं पर लिखा करते थे।
- चिकनी मिट्टी को आकार देकर सुखाया जाता था।
- लिखने वाली सतह चिकनी बनाई जाती थी। सरकंडे की तीली की नोक से पट्टी पर लिखा जाता था।
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