1) मीश की जीवनरूपी नाव को कृष्ण डूबने से बचा सकते है ! _________________
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Answer:
सत्य
Explanation:
मीरा की जीवनरूपी नाव को कृष्ण डूबने से बचा सकते है !
मीरा की जीवनरूपी नाव को कृष्ण ही डूबने से बचा सकते हैं। मीरा कहती हैं...
हरि बिन कूण गती मेरी।
तुम मेरे प्रतिपाल कहिये मैं रावरी चेरी॥
आदि अंत निज नाँव तेरो हीयामें फेरी।
बेर बेर पुकार कहूं प्रभु आरति है तेरी॥
यौ संसार बिकार सागर बीच में घेरी।
नाव फाटी प्रभु पाल बाँधो बूड़त है बेरी॥
बिरहणि पिवकी बाट जोवै राखल्यो नेरी।
दासि मीरा राम रटत है मैं सरण हूं तेरी॥
मीरा कहती हैं, हे श्री कृष्ण ! आपके बिना मेरा कौन है। आपके सिवा मेरा कोई ठिकाना नहीं आप ही मेरा पालन करने वाले हैं। मैं तो आपकी दासी हूं और हर समय आपका ही नाम जपते रहती हूँ। मैं आपको बार-बार पुकार रही हूं क्योंकि मुझे आप के दर्शन करने की तीव्र उत्कंठा है। इस संसार में दुःख ही दुःख हैं और यह संसार अनेक तरह के दोषों और विकारों से भरा हुआ है। इस संसार के दोष और विकार रूपी सागर में मेरी नाव टूट गई है। जय श्री कृष्णा आप ही इस नाव का पाल बांधो और मेरी नाव को डूबने से बचाओ, नहीं तो मेरी यह जीवन नौका इस संसार सागर में डूब जाएगी। आपकी ये भक्तन आपका नाम रट-रटकर पुकार रही है। आप ही मुझे बचा सकते हो।