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1- “माता का अँचल” पाठ में भोलानाथ के पिता का उनके खेल में सम्मिलित होना बच्चों में
नैतिक मूल्यों का विकास करने के दृष्टिकोण से कितना उपयुक्त है?
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माता का अँचल” पाठ में भोलानाथ के पिता का उनके खेल में सम्मिलित होना बच्चों में नैतिक मूल्यों का विकास करने के दृष्टिकोण से कितना उपयुक्त है?
उत्तर : माता का अँचल” पाठ में भोलानाथ के पिता का उनके खेल में सम्मिलित होना बच्चों में नैतिक मूल्यों का विकास करता है | जब माता-पिता बच्चों की तरह बन जाते उन्हें समय देते है , बच्चे भी उनसे बच्चे भी उनसे बहुत कुछ सीखते है | बच्चा माता पिता का, उनके समय का, उनकी सीख का व उनकी बातों का सम्मान करेगा। बच्चों का पहला स्कूल उनका घर व पहले शिक्षक उसके माता पिता होते हैं। माता-पिता ही खेल के जरिए भी बच्चों में नैतिक मूल्यों को सिखाता है | माता-पिता द्वारा बच्चों को समय देना बहुत जरूरी है |
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