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'माटी की मूरतें' किस विधा की रचना हैं
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Answer:
रामवृक्ष बेनीपुरी (२३ दिसंबर, १८९९ - ७ सितंबर, १९६८) भारत के एक महान विचारक, चिन्तक, मनन करने वाले क्रान्तिकारी साहित्यकार, पत्रकार, संपादक थे।वे हिन्दी साहित्य के शुक्लोत्तर युग के प्रसिद्ध साहित्यकार थे।
“माटी की मूरतें” हिंदी लेखक ‘रामवृक्ष बेनीपुरी’ की रचना है। यह एक शब्द-चित्र-संग्रह है। ये शब्द चित्र संग्रह विधा की रचना है, जिसमें लेखक ने जीवन के विविध रंगों को रेखांकित करते हुए शब्द-चित्र के माध्यम से जीवन की विविधता का वर्णन किया है।
Explanation:
‘रामवृक्ष बेनीपुरी’ हिंदी साहित्य के एक महान, प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण लेखक रहे हैं। उनका जन्म 23 दिसंबर 1899 को बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के बेनीपुर नामक गांव में हुआ था। उन्होंने अनेक उपन्यास, नाटक, संस्मरण, शब्द-चित्र संग्रह, ललित निबंध, कहानी संग्रह आदि लिखे हैं।
‘माटी की मूरतें’ की रचना उन्होंने 1946 में की थी। इस रचना के माध्यम से उन्होंने रेखा-चित्रो द्वारा कुछ संदेश देने का प्रयास किया है कि यह रचना एक तरह के शब्द चित्र हैं, जिसके माध्यम से उन्होंने कुछ कहानियाँ कहने का प्रयास किया है।