Hindi, asked by rishavs242003, 1 month ago

(1) माया महा ठगिनि हम जाँनी! तिरगुन फाँसि लिये कर डोलै, बोलै मधुरी बानी! केसव के कँवला होइ बैठी सिव कै भवन भवानी! पंडा के मूरत होइ बैठी तीरथह में पानी! तीककर जोगी के जोगिन होइ बैठी राजा के घर राँनी! काहू के हीरा होइ बैठी, काहू के कौड़ी काँनी। भक्ताँ के भक्तिन होइ बैठी, तुरकाँ कै तुरकाँनी कहैं कबीर सुनो भाई साधो, यह सब अकथ कहानी!!
Explain it!​

Answers

Answered by leenamariyamvarghese
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Answer:

माया महा ठगनी हम जानी

तिरगुन फांस लिए कर डोले बोले मधुरे बानी

केसव के कमला वे बैठी शिव के भवन भवानी

पंडा के मूरत वे बैठीं तीरथ में भई पानी

योगी के योगन वे बैठी राजा के घर रानी

काहू के हीरा वे बैठी काहू के कौड़ी कानी

भगतन की भगतिन वे बैठी ब्रह्मा के ब्रह्माणी

कहे कबीर सुनो भई साधो यह सब अकथ कहानी

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