1. महान वैज्ञानिक आइज़क न्यूटन अत्यंत विनम्र स्वभाव के थे। उनकी मान्यता थी कि अहंकार
हमारी मनुष्यता को खा जाता है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में की गई हमारी प्रगति भी हमारे लिए
अभिशाप बन जाती है।
कहा जाता है कि एक बार न्यूटन बहुत बीमार पड़े। अंतिम घड़ी निकट थी। उनके एक
नज़दीकी मित्र ने उन्हें तसल्ली देते हुए कहा, "आपके लिए यह संतोष और गर्व की बात है कि
आपने प्रकृति के रहस्यों को उजागर करने में बड़ी रुचि ली और उन्हें बड़े निकट से जानकर उजागर किया।"
सुनकर न्यूटन बोले, “संसार मेरे अनुसंधानों के बारे में कुछ भी कहे, लेकिन मुझे प्रतीत होता है कि मैं समुद्र-त
पर खेलने वाले उस बच्चे के समान हूँ, जिसको कभी-कभी अपने साथियों की अपेक्षा कुछ अधिक सुंदर पत्थर
सीप व शंख मिल जाते हैं। वास्तविकता तो यह है कि सत्य का अथाह समुद्र मेरे सामने अब भी बिन खोजा पड़ा है।
(क) उपर्युक्त गद्य-खंड के लिए उपयुक्त शीर्षक दीजिए।
(ख) न्यूटन के अनुसार अहंकार सफल व्यक्तियों को क्या हानि पहुँचाता है?
(ग) न्यूटन ने अपने मित्र को अपने बारे में जो कुछ कहा, उससे उनके विषय में आपकी जो राय बनी, उसे दो वाव
में लिखिए।
(घ) मोटे शब्दों को स्पष्ट करके समझाइए।
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u can search it on Google..
bcz itna bada Question yha pr koi nhi padhega..agr sach na lage to khud hi dekh lo✌️✌️
✌️✌️follow me✌️✌️
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